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सिद्धू पर दर्ज हुई देशद्रोह की एफआईआर, जज ने सुनवाई के लिए तारीख की मुकर्रर

सुनवाई के बाद बढ़ सकती हैं मुश्किलें, अदालत में हाजिर होना पड़ सकता है

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case filed against navjot singh siddhu in cjm court kanpur

सिद्धू पर दर्ज हुई देशद्रोह की एफआईआर, जज ने सुनवाई के लिए तारीख की मुकर्रर

कानपुर। शहर की कचहरी में मंगलवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कायम कराया गया है । कानपुर बार एसोसिएशन के सदस्य प्रियॉशु सक्सेना की अर्जी पर अदालत ने 27 अगस्त को वादी बयान दर्ज करने की तारीख मुकर्रर की है।
इन धाराओं के तहत हो कार्रवाई
अपनी हाजिर जवाबी के लिये मशहूर भाजपा से कांग्रेसी नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को अब कानपुर की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सेवेन की अदालत में हाजिर होना पड़ सकता है। पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समरोह में उनकी ‘‘हरकतों’’ को देशद्रोह साबित करने के लिये कानपुर के एक वकील प्रियॉशु सक्सेना ने मुकदमा कायम किया है। आज प्रियॉशु वकील ने मीडिया में प्रकाशित तस्वीरों और रिपोर्टो को आधार बनाकर मजिस्टेट से गुजारिश की है कि सिद्धू पर आईपीसी यानि इण्डियन पीनल कोर्ड की दफा 124-ए तथा 153-बी के तहत अभियोग चलाया जाय। वादी ने अपनी अर्जी में कहा है कि यदि कोई व्यक्ति बिना बोले भी यदि अपने हावभाव से देश विरोधी कृत्य करता है तो वो उसे इन दफाओं के तहत दण्डित किया जा सकता है।
इसके चलते बनी यह धराएं
आपको बता दें कि इण्डियन पीनल कोड की दफा 124 ए अंग्रेजों ने सन् 1870 में बनायी थी और ये उन लोगों के खिलाफ इस्तेमाल की जाती थी जो अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ असन्तोष व्यक्त करते थे। आजादी के बाद इसे भारतीय संविधान ने अपना लिया और अब इसके तहत उन लोगो के खिलाफ कार्यवाही की जाती है जो देश की एकता या अखण्डता नष्ट करने की कोशिश करते हैं। इसी तरह आईपीसी की दफा 153 बी उन लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये है जो भारत की प्रभुता और अखंडता की मर्यादा नहीं बनाए रख सकते वकील प्रियांशु सक्सेना ने बताया कि सिद्धू ने पूरी तरह से गैर जिम्मेदारी कार्य किया है। इसी के तहत उन पर मुकदमा चला जेल भेजा जाना चाहिए।