
पथरी को अपेंडिक्स बताकर दे डाली ऑपरेशन की सलाह
कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे एक विदेशी छात्र की जान डॉक्टरों की लापरवाही के चलते खतरे में पड़ सकती थी। छात्र ने पेटदर्द की शिकायत पर स्वरूप नगर के एक गैस्ट्रो अस्पताल में चेकअप कराया तो यहां डॉक्टरों ने अपेंडिक्स बताई और बताया कि ऑपरेशन करना पड़ेगा, वरना दर्द और बढ़ जाएगा। मगर दूसरे अस्पताल में ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने शक होने पर जब दोबारा अल्ट्रासाउंड कराया, तब पता चला कि अपेंडिक्स नहीं बल्कि पेशाब की नली में पथरी है, जिसके लिए ऑपेरशन की जरूरत नहीं।
अफगानिस्तान का है छात्र
सीएसए में पढऩे वाला अफगानिस्तान के छात्र जॉन इसराइल एमएससी मृदा विज्ञान का छात्र है। उसने पेट दर्द की शिकायत की तो साथी उसे स्वरूप नगर के एक अस्पताल में ले गए। यहां उसे जांच में अपेंडिक्स बता ऑपरेशन की सलाह दी गई। छात्र ने विवि प्रशासन से ऑपरेशन के लिए परमीशन मांगी, मगर छात्र को इंतजार करने के लिए कहा गया। अचानक एक रात में उसे पेट में तेज दर्द उठा। इंटरनेशनल हास्टल से छात्रों ने डीन छात्र कल्याण प्रो. डीआर सिंह को जानकारी दी।
ऑपरेशन से पहले खुला सच
जॉन इसराइल को काकादेव के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया और अपेंडिक्स की बात बताकर ऑपरेशन के लिए कहा गया। ऑपरेशन की तैयारी चल ही रही थी कि रिपोर्ट देखकर एक वरिष्ठ डॉक्टर को कुछ शक हुआ तो उन्होंने दोबारा अल्ट्रासाउंड की बात कहीं। जांच हुई तो पेशाब की थैली में पथरी निकली। डॉक्टर ने बताया कि इसके लिए ऑपरेशन की जरूरत नहीं है, नियमित दवा लेने से परेशानी दूर हो जाएगी। छात्र को उपचार देकर वापस कर दिया गया।
क्रॉस चेक करने की सलाह काम आयी
अफगानिस्तान के छात्र की जान डीन छात्र कल्याण प्रो. डीआर सिंह की सर्तकता से मुश्किल में पड़ते-पड़ते बच गई। दरअसल डीन ने ऑपरेशन की अनुमति के लिए क्रास चेक कराने की बात कही थी। प्रो. डीआर सिंह का कहना है कि विदेशी छात्र के मामले में अतिरिक्त सतर्कंता की जरूरत होती है। अगर मैंने ऑपरेशन की परमीशन दे दी होती तो संभव है गलत ऑपरेशन हो जाता। वैसे काकादेव के डॉक्टर ने भी सूझबूझ से काम लिया। उनकी पहल पर दोबारा अल्ट्रासाउंड कराया गया।
Published on:
13 Jun 2019 12:16 pm
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