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पेट्रोल की समस्या से मिलेगी निजात, बाइकों के लिए यह तकनीक हुई इजात, चुनाव के बाद सरकार कर सकती है बड़ी घोषणा

locationकानपुरPublished: May 05, 2019 05:11:51 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

ऑटोमोबाईल की दुनिया में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए आईआईटी कानपुर ने पेट्रोल की जगह बाईकों को मेथेनॉल से दौड़ाने का फॉर्मूला तैयार कर लिया है।

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कानपुर. ऑटोमोबाईल की दुनिया में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए आईआईटी कानपुर ने पेट्रोल की जगह बाईकों को मेथेनॉल से दौड़ाने का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। बैटरी के बाद मोटरबाइक्स मेथेनॉल (कॉर्बन यौगिक) से भी चलेंगी, जिससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि पेट्रोल व डीजल के आयात में भी कटौती होगी। आईआईटी कानपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल के अनुसार हीरो मोटोकॉर्प व रायल इन्फीलड पर सफल प्रयोग किया जा चुका है, वहीं जल्द ही चार पहिया वाहनों की ओर भी रुख किया जाएगा। हालांकि इस फार्मूले में 15 प्रतिशत पेट्रोल की भी जरूरत पड़ेगी। दरअसल प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल ने कार्बोरेटर में बदलाव कर बुलेट को ऐसे मॉडीफाई किया, जिससे वह 85 फीसद मेथेनॉल से चल रही है। अभी तक केवल चीन में ही इस तकनीक के सहारे पेट्रोल में 20 फीसदी मेथेनॉल मिश्रण से वाहन चलाए जाते हैं। लेकिन आईआईटी ने 85 फीसदी मेथेनॉल मिश्रण से वाहन चलाने में कामयाबी हासिल की है।
अग्रवाल का कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प व रॉयल इनफील्ड की टीम ट्रायल कर रही है। और यदि सब कुछ सही रहा व सरकार इसकी मंजूरी दे देती है तो आगामी 6 महीनों में मेथेनॉल मिश्रित ईंधन और इस तरह की बाइकें बाजार में उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि टीम ने एक ऐसा इंजन तैयार किया है, जिससे मेथेनॉल से बाइक चलाई जा सकेगी। इसका सफल परीक्षण भी कर लिया गया है। सरकार मेथेनॉल का इस्तेमाल को बढ़ाने व इस तरह की तकनीक को आगे ले जाने में हर स्तर पर काम कर रही है।
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चुनाव के बाद हो सकती है घोषणा-

वहीं नीति आयोग के सलाहकार प्रो. वीके सारस्वत ने इसके लिए पांच अलग-अलग टास्क फोर्स गठिक की हैं, जो मेथेनॉल इकोनॉमी के अलग-अलग पहलुओं पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद इसको लेकर बड़ी घोषणा हो सकती है। अविनाश अग्रवाल की टीम ने 100 से 500 सीसी वाली बाईकों को मेथेनॉल से चलाने पर काम किया है और अच्छी बात यह है कि किसी भी बाइक में कोई समस्या सामने नहीं आई है।
कैसे तैयार होता मेथेनॉल, क्या हैं फायदे-

ऑटोमाबाईल की दुनिया में नया आयाम देने वाले मेथेनॉल को तैयार करने का तरीका बेहस आसान है। प्रो. अग्रवाल के मुताबिक, मेथेनॉल का निर्माण कृषि अपशिष्ट उत्पाद (गन्ना, शकरकंद), हाईएस कोल और शहरी अपशिष्ट से किया जा सकता है। वहीं यह भारी ईंधन का अच्छा विकल्प है और इसलिए इसे जल परिवहन के लिए सबसे भरोसेमंद ईंधन माना जाता है। मेथेनॉल पूरी तरह से स्वदेशी ईंधन होगा। इससे भारत की अर्थव्यवस्था पेट्रोल के आयात से मुक्ति की दिशा में चल सकेगी।
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