
कानपुर.आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर एचसी शर्मा अपने पढ़ाने के तौर-तरीकों को लेकर देशभर में मशहूर हैं। उन्होंने अब बेलन, चिमटे से फिजिक्स पढ़ाने का तरीका निकाला है। दरअसल वैज्ञानिक प्रो. एचसी वर्मा ने फिजिक्स की पढ़ाई आसान बनाने के लिए घरेलू, दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाले 300 क्लास रूम एक्सपेरिमेंट बनाए हैं। इनकी मदद से फिजिक्स पढ़ना-लिखना-समझना आसान हो जाएगा। ये एक्सपेरिमेंट बेलन, चिमटा, कल्छुल, गिलास सहित तमाम घरेलू सामान से बनाए गए हैं जो मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, माडर्न साइंस के उदाहरण को सरल बनाने में कारगर साबित हुए हैं आईआईटी कानपुर में इस समय क्लास चल रही है।
छात्र नहीं शिक्षकों के लिए क्लास
खास बात ये है कि प्रो.एचसी वर्मा की इस क्लास में पढ़ने वाले आईआईटी कानपुर के छात्र नहीं बल्कि वह शिक्षक हैं, जो छात्रों को पढ़ाते हैं। इन शिक्षकों को बताया जा रहा है किस तरह जीवन में भौतिक विज्ञान का प्रयोग होता है। किस तरह से छात्रों को आसानी से फिजिक्स के बड़े-बड़े प्रयोग करके दिखा सकते हैं जिसके लिए उन्हें बड़े उपकरणों की जरूरत नहीं है बल्कि साधारण से घर में मिल जाने वाली वस्तुओं से प्रयोगों को कर सकते हैं।
हर साल इस तरह की क्लास
जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर एससी वर्मा हर साल ऐसी क्लास करते हैं, जिसमें शिक्षकों को विज्ञान के प्रयोग सिखाए जाते हैं। वास्तव में फिजिक्स को प्रोफेसर एससी वर्मा ने इतना आसान बना दिया है, जितना लोगों के लिए कठिन है। आसान से प्रयोग फिजिक्स के सिद्धांतों को समझा देते हैं। प्रोफेसर एस सी वर्मा का कहना है फिजिक्स हर चीज में है। फिजिक्स के प्रयोग को बताने के लिए बड़े-बड़े उपकरणों की जरूरत नहीं है। मोटी किताबें पढ़ने के बाद शिक्षक बनने वाले लोगों के लिए फिजिक्स इतनी आसान नहीं थी. बात चाहे न्यूटन के नियमों की हो, आकर्षण का नियम हो साउंड वेव हो या फिर इसका कोई दूसरा नियम समझना और उसको छात्रों को समझाना इतना आसान कभी नहीं था।
किताबों से अलग है ये ज्ञान
प्रो.एचसी वर्मा का कहना है कि साइंस की प्रयोगशाला में मौजूद उपकरण बच्चों को वह ज्ञान नहीं दे सकते, जो प्रोफेसर एचसी वर्मा की क्लास में सीखने के बाद शिक्षक छात्रों को देंगे। दरअसल उन्होंने सीख लिया है कि छोटी-छोटी वस्तुओं से वह अपने छात्रों को फिजिक्स के गूढ़ रहस्य सिखा सकते हैं। यह क्लास शिक्षकों की भी जिंदगी बदलने वाली है उन्होंने फिजिक्स को कभी इतना आसान नहीं समझा जितना उन्हें आज लग रही है। आईआईटी में लगने वाली क्लास का हिस्सा बनने के बाद शिक्षकों को लग रहा है वास्तव में उन्होंने अब सीखा है कैसे पढ़ाना है। इस क्लास में पढ़ने वाले छात्र नहीं बल्कि वह शिक्षक हैं, जो छात्रों को पढ़ाते हैं। इन शिक्षकों को बताया जा रहा है किस तरह जीवन में भौतिक विज्ञान का प्रयोग होता है।
Published on:
05 Mar 2018 12:38 pm
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