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सिर्फ आईआईटी कानपुर ने डिजाइन किए दो नए कोर्स, मौसम बदलाव की जानकारी में आएंगे काम

आईआईटी के विशेषज्ञ प्रो. शलभ ने डेटा साइंस पर आधारित दो नए कोर्स डिजाइन किए हैं,

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आईआईटी कानपुर ने डिजाइन किए दो नए कोर्स, मौसम बदलाव की जानकारी में आएंगे काम

आईआईटी कानपुर ने डिजाइन किए दो नए कोर्स, मौसम बदलाव की जानकारी में आएंगे काम

कानपुर-आसमान में तारों की गणना से मौसम के बदलाव की जानकारी करने में गणित का उपयोग होता है। ये सभी सिर्फ आंकड़ों पर निर्भर होता है। जिसमें सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है। इस काम के लिए सांख्यिकी के साथ सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है। अब कानपुर आईआईटी में डेटा साइंस पर आधारित कोर्स तैयार किए गए हैं, ये कोर्स सांख्यिकी में सॉफ्टवेयर के प्रयोग पर पहली बार विकसित किए गए हैं। जो तारों की गणना से मौसम के बदलाव की जानकारी में काम आ सकेंगे। आईआईटी के विशेषज्ञ प्रो. शलभ ने डेटा साइंस पर आधारित दो नए कोर्स डिजाइन किए हैं, इसमें सांख्यिकी के साथ सॉफ्टवेयर की जानकारी भी दी गई है।

इस कोर्स में उपयोग और इस्तेमाल करने के तरीके बताए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक यह कोर्स किसी भी अन्य आईआईटी में नहीं विकसित किया गया है। इसको शिक्षा मंत्रालय की ओर से संचालित नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी इनहैंस्ड लर्निंग से किया जा सकेगा। बताया कि यह पूरी तरह से निशुल्क रहेगा। ख़ास बात यह है कि 12वीं पास किसी भी वर्ग के छात्र कोर्स कर सकते हैं। इसमें सांख्यिकी का मॉडलिंग, मशीन लर्निंग, सॉफ्टवेयर आदि के साथ तालमेल कर डेटा निकालने की जानकारी दी गई है।

एनपीटेल शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन कोर्स कराता है। प्रो. शलभ के मुताबिक एशेंशियल्स ऑफ डेटा साइंस विथ आर सॉफ्टवेयर पार्ट एक और दो हैं। यह अब तक आईआईटी व आईआईएससी समेत अन्य तकनीकी संस्थानों की ओर से तैयार की गई पहली किताब है। इसमें बेसिक मैथमेटिक्स, स्टेटिक्स, लिनियर एक्स्प्रेशन, लिनियर मॉडल की जानकारी दी गई है। इसके अन्तर्गत पहला पार्ट समझने के बाद ही दूसरा समझ में आएगा।