
कहीं आप भी तो ‘जनरथ’ की सवारी नहीं, इसमें सिवाए एसी के नहीं मिलेगा कुछ और
कानपुर। एग्जेक्यूटिव क्लास की बसों का दावा करते हुए दो साल पहले रोडवेज ने यात्रियों के लिए जनरथ बसों का बेड़ा सड़क पर उतारा था. लोगों ने इसको हाथों हाथ भी लिया था, लेकिन अब मौजूदा समय में जनरथ बसों में सुविधा नाम भर की रह गई है. बस में सिर्फ एसी भले ही चलता मिल जाए बाकी सीसीटीवी कैमरे, एलईडी टीवी व पंखे सब बंद पड़े हैं. इन बसों का रूप भी खटारा सा दिखने लगा है. यात्री भी अब जनरथ बसों के बारे में कहने लगे हैं कि सिर्फ सुविधाओं के नाम पर भाड़ा ज्यादा लिया जा रहा है.
ऐसी मिली है जानकारी
पिछले दिनों कुछ जनरथ बसों का जायजा लिया गया तो हालात कुछ अच्छे नहीं दिखे. देखने से ही लग रहा था कि इन बसों का मेंटीनेंस कई महीनों से नहीं किया गया है. एक कंडक्टर ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि डिपो में बसों के मेंटीनेंस में लंबा खेल चलता है.
ऐसी दिखी हालत
कुछ जनरथ बसें बस स्टॉप में खड़ी थीं, उनमें कई बसों की बर्थ की सीटें फट चुकी थीं. ड्राइविंग सीट के आसपास वायर का गुच्छा बंधा हुआ था. इसे देखते ही समझ में आ रहा था कि रूट से वापस आने के बाद डिपो में कोई खास मेंटीनेंस नहीं किया जाता. विकास नगर डिपो की एक जनरथ बस का फस्ट एड बॉक्स चेक किया गया तो उसमें न तो पट्टी थी और न ही किसी प्रकार की दवा. सिस्टम को मुंह चिढ़ाने के लिए उसमें एक माचिस की डिब्बी जरूर रखी थी.
मिली थीं 30 जनरथ बसें
शासन ने कानपुर के विकास नगर डिपो को 30 जनरथ बसें मुहैया कराई थी, जो कानपुर से इलाहाबाद, लखनऊ, दिल्ली, आगरा समेत विभिन्न रूटों पर चलती है. रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक एक बस की कीमत 35 लाख से अधिक है. कानपुर में आई 10 करोड़ से अधिक लागत की बसें मेंटीनेंस के अभाव में लगभग सभी बसें खटारा होती जा रही हैं.
किराया है सस्ता
रोडवेज ने अपने यात्रियों के लिए रेलवे की गरीबर एसी ट्रेन की तर्ज पर जनरथ बस सेवा शुरू की थी. इस एसी बस का किराया अन्य एसी बसों से काफी कम है. यह सेवा मध्यम वर्ग के यात्रियों के लिए शुरू की गई थी कि वह कम पैसे में एसी बसों के सफर का लुप्त उठा सके.
Published on:
15 Oct 2018 03:51 pm
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