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Kanpur IT Raid:  कारोबारी से प्रतिस्पर्धा के चक्कर में खुला पीयूष जैन का काला चिट्ठा, कई देशों में फैला रखा था कारोबार

Kanpur IT Raid : इत्र कारोबारी पीयूष जैन और उसके भाई अमरीश जैन का कन्नौज में पान मसाला और इत्र में फ्लेवर के लिए मिलाया जाने वाला मिश्रण (कंपाउंड) का पुश्तैनी कारोबार है। स्थानीय कारोबारियों से इत्र और कंपाउंड खरीदकर वह उस पर अपना टैग लगाकर बड़ी कंपनियों से डील करते हैं। इसमें उन्हें मोटा मुनाफा होता है। इनसे पीयूष और अमरीष की अच्छी पहचान होने के साथ कारोबारी डीलिंग भी रही।

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कानपुर. हाल ही में चर्चा में आए कानपुर व कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन का कारोबार दुनियाभर के करीब 50 देशों में फैला हुआ है। इस बात का खुलासा जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की छापेमारी के दौरान हुआ। आयकर विभाग और डीजीजीआई की संयुक्त छापेमारी के दौरान घर, गोदाम और कारखाने से करीब एक दर्जन से अधिक देशों का केमिकल बरामद हुआ है। इसके अलावा देश और विदेशों में भेजे जाने वाला करीब 100 तरह के कंपाउंड भी बरामद हुए है। ये केमिकल फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत, इंडोनिशिया, सऊदी अरब आदि देशों से मंगाए गये हैं। छापेमारी के दौरान करीब 100 तरह के कंपाउंड तैयार मिले हैं। इसके साथ ही दुनिया के किन-किन देशों में भेजे जाना था, इसके भी दस्तावेज टीम के हाथ लगे हैं। डीजीजीआई की टीम ने शीशियों में इनका सैंपल भरकर जांच के लिए भेजा है। बताया जा रहा है कि एक प्रभावशाली कारोबारी से प्रतिस्पर्धा के चक्कर में पीयूष जैन के काले कारनामों का पूरा चिट्ठा खुल गया और उसके घर से इतनी बड़ी मात्रा में नकदी, सोना-चांदी क केमिकल बरामद हुआ है।

पीयूष जैन ने घर में ही बना रखी थी लैब

इत्र कारोबारी पीयूष जैन ने घर में ही एक लैब बना रखी थी। केमिकलों का मिश्रण कर शोध से वह कई तरह के कंपाउंड और सिंथेटिक वेस्ट तैयार करता था। फार्मूला सफल होने के बाद वह इसे महंगे दामों में साबुन, सौंदर्य उत्पाद, पान-मसाला, गुटखा जैसी कंपनियों को निर्यात करता था। सोमवार को डीजीजीआई की टीम को कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ले में कारोबारी पीयूष जैन के घर, गोदाम और कारखाने से करोड़ों रुपये की कीमत के केमिकल मिले थे।

100 तरह के केमिकल व कंपाउंड मिले थे तैयार

ये केमिकल फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, जापान, चीन, कुवैत, इंडोनेशिया, नेपाल, सऊदी अरब और तेरान से मंगाए गए बताए जा रहे हैं। मौके से टीम को करीब 100 तरह के केमिकल और कंपाउंड तैयार मिले हैं। दुनिया की किन-किन देशों और देश के राज्यों में इन्हें भेजा जाना था इसके दस्तावेज भी टीम के हाथ लगे।

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ईडी भी संभी एंगल से अब करेगी जांच

बताया अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग और के उल्लंघन करने संबंधी एंगल से जांच करेगा। बताया जा रहा है कि एक प्रभावशाली कारोबारी से प्रतिस्पर्धा के चक्कर में पीयूष जैन के काले कारनामों का चिट्ठा खुल गया। पीयूष और उसके भाई अमरीश जैन का कन्नौज में पान मसाला और इत्र में फ्लेवर के लिए मिलाया जाने वाला मिश्रण (कंपाउंड) का पुश्तैनी कारोबार है।

साथी को बाईपास कर 3 बड़ी पान मसाला कंपनियों से की थी डील

बताया जाता है कि दोनों भाइयों का यह कारोबार गुजरात, मुंबई और कानपुर तक फैला है। कन्नौज में बड़े पैमाने पर कंपाउंड बनाने का काम होता है। छोटे-छोटे कारोबारी बड़े पान मसाला कारोबारियों को कंपाउंड की आपूर्ति करते हैं। पीयूष और अमरीश जैन की इस कारोबारी से अच्छी जान पहचान होने के साथ कारोबारी डीलिंग भी रही। कुछ समय पहले पीयूष जैन और उसके भाई ने ने इस राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले कारोबारी को बाईपास कर देश की तीन बड़ी पान मसाला कंपनियों के साथ सीधी डीलिंग शुरू कर दी। इसमें शिखर पान मसाला समूह भी शामिल है।

शिखर पान मसाला के मालिक के घर मारा था छापा

कारोबारी पीयूष जैन से पहले डीजीजीआई की टीम ने 22 दिसंबर को शिखर पान मसाला के मालिक के घर भी छापा मारा था। बताया जा रहा है कि पीयूष और अमरीश जैन के कन्नौज के कंपाउंड बिजनेस में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उस प्रभावशाली कारोबारी ने ही डीजीजीआई को इस पूरे गठजोड़ की जानकारी दे दी थी।


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