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पापा! मैं इतना खुदगर्ज नहीं हूं…बेटों का सिर कूंचकर जान देने से पहले कारोबारी का पिता के लिए आखिरी संदेश

कानपुर में सर्राफा कारोबारी ने 2 बेटों को ईंट से कूच दिया। बेटों को मरा समझकर कारोबारी ने जहर खाकर जान दे दी।कारोबारी ने सुसाइड नोट में अपनी जिंदगी की तकलीफें बयां की है।

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कानपुर में अजय के घर के बाहर जुटी ग्रामीणों की भीड़। इनसेट में अजय और शुभम।

"पूज्य पिता जी उतने की बेटों को जन्म देना चाहिए जितने बेटों को संभाल सको…। तुमने तो हमें जन्म से ही भुला दिया और धीरे-धीरे बड़ा हुआ। बड़े होने तक हमें बहुत तकलीफ मिली फिर भी जीता रहा…। शादी हुई, शादी के बाद आप सबने मेरी बीबी को परेशान करना शुरू किया। धीरे-धीरे 8-10 साल गुजरने के बाद समय ऐसा आया कि हमें अपने ही पुत्रों को साथ में लेकर जाना पड़ रहा है…। मैं इतना खुदगर्ज नहीं हूं कि जो तकलीफ हमने सही वह अपने अपने बच्चों को भी सहन कराऊ। वह दोनों फूल हैं। उन्हें किसके सहारे छोड़कर जाऊं, उनके कपड़ों, खाने का नाश्ता, स्कूल की फीस, छोटी-छोटी परेशानियों को कौन देखेगा… इसलिए मैं अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकता। क्योंकि बाद में उन्हें कोई तकलीफ हो और वह कहें कि कैसे मेरे माता-पिता थे और हमें छोड़कर चले गए।” ये सब बातें लालू ने अपने पिता के नाम छोड़े सुसाइड नोट लिखा है।

कैसे सामने आई पूरी घटना

पुलिस जांच में पता चला है कि लालू ने पहले ईंट से बच्चों पर हमला किया। इसके बाद उसने जहरीला पदार्थ निगला और फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। जहर का असर तेज होने के कारण वह फंदा लगाने से पहले ही गिर पड़ा। कुछ समय बाद जब पिता रामशंकर रोज की तरह गांव से खाना लेकर पहुंचे और दरवाजा नहीं खुला तो उन्हें अनहोनी का शक हुआ। दरवाजा तोड़कर अंदर गए तो लालू और दोनों बच्चे बेसुध हालत में मिले। तीनों को तुरंत सीएचसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने लालू और छोटे बेटे शुभ को मृत घोषित कर दिया। बड़े बेटे रुद्र की हालत नाजुक बनी हुई है।

पहले ही हो चुकी थी पत्नी की मौत

परिजनों के अनुसार, 3 साल पहले इसी दिन लालू ने अपनी पत्नी अलका पर भी हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। उस वक्त लोकलाज और बच्चों के भविष्य को देखते हुए मामले की सूचना पुलिस को नहीं दी गई और इसे हादसा बताया गया।

पुलिस जांच में जुटी

पुलिस ने मौके से घटना में इस्तेमाल की गई ईंट समेत अन्य सामान बरामद किया है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच में सुबह 6:20 बजे लालू को घर से बाहर निकलते और फिर वापस अंदर जाते देखा गया। इसके बाद वह बाहर नहीं आया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।

जानें क्या है पूरा मामला

अरौल के हाशिमपुर गांव के रामशंकर कटियार के बेटे अजय कटियार सर्राफा कारोबारी थे। अजय ने करीब 14 साल पहले हाशिमपुर गांव से लगभग छह किलोमीटर दूर केशवापुर गांव की अलका से प्रेम विवाह किया था। यह शादी अजय के परिवार वालों को पसंद नहीं थी। शादी के बाद अलका का ससुराल पक्ष से तालमेल नहीं बन पाया। इसी बात को लेकर घर में अक्सर विवाद होते रहते थे। लगातार झगड़ों से परेशान होकर अजय पत्नी अलका को लेकर अरौल आ गया। इसके बाद अजय के ससुराल पक्ष ने अरौल में उसे एक प्लॉट दिलवाया। उसी प्लॉट पर मकान बनाकर अजय अपने परिवार के साथ रहने लगा। इस दौरान उसके दो बेटे हुए रूद्र और शुभ।

अजय ने अपने मकान से कुछ दूरी पर सर्राफे की दुकान खोल ली। दुकान के काम में उसका भाई रामसिंह भी आकर मदद करता था। परिजनों के मुताबिक, अजय का अपने मायके पक्ष के लोगों से आना-जाना बना रहता था। इसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच फिर से तनाव बढ़ने लगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब तीन साल पहले, 19 दिसंबर 2022 को अजय और अलका के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। झगड़े के दौरान अजय ने गुस्से में आकर ईंट से अलका पर हमला कर दिया। इस हमले में अलका की मौके पर ही मौत हो गई थी। अजय के ससुराल वालों ने अजय की प्रॉपर्टी दोनों बेटों के नाम कराने की शर्त रख कर समझौता कर लिया था।