इटावा के बिठौली थाना क्षेत्र के पहलन निवासी निर्भय गूर्जर डेढ़ दशक तक बीहड़ में राज किया। उसके ऊपर हत्या, डकैती रेप, अपहरण के सौ से ज्यादा मामले यूपी एमपी में दर्ज थे। निर्भय के सिर पर पांच लाख का इनाम सरकार ने रखा था। गूर्जर का आंतक 200 गांवों में था। इसी के फतवे से सरपंच, विधायक और सांसद चुने जाते थे। 2005 के सरपंच चुनाव के दौरान निर्भय ने कुर्छा, कुंवरपुरा, विडौरी, नींवरी व हनुमंतपुरा सहित दर्जनों पंचायतों में अपने लोगों को चुनाव जीतवाया था। इतना ही नहीं पंचायतों के चुनाव में मात्र 7, 11 और 21 वोटों पर चुनावी प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई। कुर्छा में डकैतों के फरमान का असर ये हुआ कि किसीने पर्चा ही नहीं भरा। एक साल बाद प्रशासन ने बड़ी मशक्कत से चुनाव करवाया तो जीते हुए प्रधान को गांव छोड़कर इटावा रहना पड़ा।