एक बात बताऊं रायसीना हिल्स, तुमने तो डॉ. राजेंद्र प्रसाद से लेकर प्रणव मुखर्जी तक तमाम दिग्गजों को देखा होगा, पर मेरा राम थोड़ा अलग है। उसे जमीन से जुड़ा रहना पसंद है। हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद के उसके भाषण से भी तुम्हें यह बात समझ में आ गयी होगी। तब राम ने खुल कर अपने गांव को यानी मुझे याद किया था और कहा था कि वह देश के गरीबों, दलितों की आवाज बनकर तुम्हारे पास आ रहा है। तुम्हें याद होगा कि राष्ट्रपति चुनाव परिणाम वाले दिन दिल्ली में सुबह से बारिश हो रही थी। राम को यह बारिश अपने बचपन में ले गयी थी, जब वह मेरी गोद में रहता था, उसका घर कच्चा था, मिट्टी की दीवारें थीं और तेज बारिश के समय फूस की छत पानी रोक नहीं पाती थी और राम अपने भाई-बहनों के साथ कमरे की दीवार के सहारे खड़े रहकर बारिश खत्म होने का इंतजार करता था।