बरामद राशि नहीं मिलेगी अमरीश टंडन ने जवाब दिया कि, बरामद राशि कर चोरी की आय थी और इसे वापस नहीं किया जाएगा। अगर जैन अतिरिक्त 52 करोड़ रुपए जुर्माना देना चाहते हैं तो डीजीजीआई इसे स्वीकार करेगा। इतिहास में सबसे बड़ी बरामदगी में से एक में, डीजीजीआई ने कानपुर और कन्नौज में जैन से जुड़े कई परिसरों में छापे के दौरान 195 करोड़ रुपए से अधिक नकद, 23 किलोग्राम सोना और 6 करोड़ रुपए का चंदन का तेल जब्त किया है।
बेहिसाब नकदी जब्त अधिकारियों ने कानपुर में ओडोकेम इंडस्ट्रीज के पार्टनर पीयूष जैन के आवासीय परिसर की तलाशी ली और 177.45 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी जब्त की। डीजीजीआई के अधिकारियों ने कन्नौज में ओडोकेम इंडस्ट्रीज के आवासीय और फैक्ट्री परिसर की तलाशी ली और 120 घंटे की छापेमारी के दौरान 17 करोड़ रुपए नकद जब्त किए।
धन एसबीआई में जमा इतनी बड़ी रकम को देखकर डीजीजीआई अफसर सन्न रह गए। इतने रुपए को कैसे गिना जाए इस मुसीबत का हल कैसे हो। तो धन गिनने के लिए डीजीजीआई के अधिकारियों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के अधिकारियों और उनकी करेंसी काउंटिंग मशीनों से मदद मांगी। अमरीश टंडन ने कोर्ट को बताया कि, धन भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में जमा कर दिया गया है और यह भारत सरकार के पास रहेगा।
डीआरआई ने भी कार्रवाई की शुरू उधर, पीयूष जैन पर डीजीजीआई, इनकम टैक्स के बाद अब डीआरआई यानी राजस्व खुफिया निदेशालय ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पीयूष जैन के घर से 23 किलो सोने की बरामदगी पर कस्टम एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
छापेमारी में 23 किलो सोना बरामद पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों पर छापेमारी में 23 किलो सोना भी मिला है। बरामद सोने के बिस्किट पर International Precious Metal Refinery (IPMR) लिखा है। आईपीएमआर सीधे सोने की बिक्री नहीं करता। पीयूष जैन के घर से बरामद हुए सोने के बिस्किट पर कुछ मिटाया गया भी है।
कंपनी के नाम खरोंच कर मिटाया बताया जा रहा है कि पीयूष जैन ने चालाकी दिखाते हुए सोने कंपनी के नाम खरोंच कर हटा दिए हैं। जिससे स्विट्जरलैंड कनेक्शन सामने न आए। डीआरआई को शक है कि जिन कंपनियों के मिटा गए हैं, यह दो कंपनियां हैं और दोनों ही कंपनियों का स्विट्जरलैंड कनेक्शन है।