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President Visit: परौंख मेरी मातृभूमि और जन्मभूमि है, लेकिन यहां आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं- रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति

उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के चलते भले ही आपमें और मुझमें यह दूरी दिख रही है लेकिन दिल से दूरी नही है।

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President Visit: परौंख मेरी मातृभूमि और जन्मभूमि है, लेकिन यहां आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं- रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति

President Visit: परौंख मेरी मातृभूमि और जन्मभूमि है, लेकिन यहां आप सबका आशीर्वाद लेने आया हूं- रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

कानपुर देहात. तीन दिन के दौरे पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President ramnath Kovind) आज झींझक पर प्रेसिडेंशियल ट्रेन (Presidential Train) से पहुंचे। ट्रेन से उतरने के बाद मंचासीन हुए और स्वजनों सहित तयशुदा लोगों से मुलाकात कर हालचाल लिए। उन्होंने संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज झींझक स्टेशन (Jhinjhak Railway Station) पर आकर बहुत खुश हूं। इस धरा से मेरा पुराना नाता है। परौंख (Paraunkh Village) मेरी जन्मभूमि और मातृभूमि है। मगर झींझक स्टेशन पर आकर आज मैं सभी का आशीर्वाद लेने आया हूं। उन्होंने बिसरी यादों को ताजा करते हुए कहा कि मुझे आज भी वो दिन याद है। जब मैं झींझक आया करता था और घंटो इसी स्टेशन पर बैठा करता था। यहां के मेरे बहुत करीबी बाबूराम बाजपेई और रसूलाबाद के रामबिलास त्रिपाठी रहे। ईश्वर की महिमा है आज दोनो लोग ईश्वर की शरण में हैं।

प्रोटोकॉल की वजह से दूरी है दिल से नहीं

उन्होंने कहा कि इन दो नामो का मैंने उल्लेख किया है परन्तु अनगिनत लोग बिछड़ गए आज मैं उन आत्माओं को याद करता हूं। उन्होंने कहा मेरा झींझक आने का कार्यक्रम नही था, लेकिन दिल्ली से चलने पर रेलमंत्री से मुलाकात होने पर उन्होंने कहा कि आपके गांव के समीपस्थ झींझक और रुरा स्टेशन है। इसके चलते आज मैं यहां उपस्थित हूं। मगर यहां आकर बेहद खुशी मिली। उन्होंने कहा कि एक बात और कि कानपुर देहात में डीएफसी निर्माण हुआ। साथ ही फ्रंट कॉरिडोर से भी लोगों को बहुत फायदा होगा। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि आप भी भारत के नागरिक हैं और मैं भी भारत का नागरिक हूं बस फर्क सिर्फ इतना है कि राष्ट्रपति होने के नाते मुझे कतार में आगे खड़ा किया गया है मगर इस सरजमीं से बड़ा ही पुराना नाता है। उन्होंने प्रोटोकॉल के चलते भले ही आपमें और मुझमें यह दूरी दिख रही है लेकिन दिल से दूरी नही है।

बोले देश की तरक्की में सभी का योगदान चाहिए

उन्होंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब मैं दिल्ली से ट्रेन से निकला तो सभी स्टेशनों पर बहुत सुविधाएं दिखाई दीं जिन्हे देखकर बेहद खुशी हुई। मगर फिर भी कहना चाहता हूं कि जितना हो सके अधिक से अधिक सुविधाये रेल यात्रियों को दी जाएं। कहा कि जब मैं जब सांसद था तो जिन ट्रेनो का ठहराव कराया था शिकायत मिली कि बंद हुईं। उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते जो ट्रेनें बंद हुई वो सभी पुनः शुरू होंगी। मुस्कराते हुए बोले कि मैं आपके हमेशा करीब हूं। कहा कि देश आजाद हुआ बहुत तरक्की हुई है, लेकिन बहुत कुछ बाकी है मगर देश की तरक्की में हम सबको योगदान देना चाहिए। हम सभी देश के नागरिक है। हम अधिकारों की बात बहुत करते है हम सबके दायित्व है।