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तेजप्रताप यादव की सगाई पर टोपे के नाती रो पड़े, लालू प्रसाद जेल बाहर होते तो जरूर बुलाते

locationकानपुरPublished: Apr 18, 2018 04:39:06 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

लालू यादव के बेटे की हुई सगाई, उनके मित्र ने दिया आर्शीवाद

लालू यादव के बेटे की हुई सगाई, उनके मित्र ने दिया आर्शीवाद
कानपुर। बिहार की राजनीति में कई सालों तक राज करने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और उनकी गैर मौजदूगी में बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की सगाई बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पौत्री और राजद नेता चंद्रिका राय की बड़ी बेटी ऐश्वर्या राय से आज पटना स्थित एक होटल में हो रही है। सगाई पर नहीं बुलाए जाने पर कानपुर के बिठूर निवासी तात्या टोपे के नाती विनायक राव निराश के बजाए खुश नजर आए। लेकिन लालू यादव के जेल में होने के चलते उनके आंख से आंसू छलक पड़े। उन्होनें ने कहा कि अगर लालू भईया जेल में नहीं होते तो वह जरूर मुझे बुलाते और परिवार के साथ मैं भी कार्यक्रम में शामिल होता। बच्चों को हमारी और राजद प्रमुख के बीच की दोस्ती के बारे में शायद जानकारी नहीं होगी। राव ने लालू के बेटे और होने वाली बहू को बधाई दी और जल्द जेल से बाहर आने के लिए ईश्वर से कामना की।
किंगमेकर के जेल जाने से दुखी
बिहार की राजनीति में कई दशकों से अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव (किंगमेकर) जेल में है। उनकी गैर मौजूदगी में बेटे तेज प्रताप की आज सगाई हो गई। अपने बेटे की सगाई की रश्म में लालू नहीं शामिल हो पाए। वह चारा घोटाले में सजायप्ता हैं और दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती हैं। लालू के बेटे की सगाई पर बिहार जहां गदगद है, वहीं कानपुर के बिठूर निवासी विनायम राव भी बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि सगाई में मुझे नहीं बुलाया गया, लेकिन शादी के वक्त यदि लालू प्रसाद जेल से बाहर आए तो वह हमें जरूर आमंत्रण पत्र देंगे। मराठा लड़ाकें तात्या के नाती विनायक राव कहते हैं कि लालू भईया इमानदार और गरीबों के मसीहा हैं। हमारे घर में जहां भगवान विराजे हैं, वहीं लालू यादव की तस्वीर रखी है और हम उन्हें पूजते हैं।
तत्या टोपे राव के चचेरे बाबा
विनायक राव ने कहा, मैं तात्या टोपे का वंशज हूं, वो इनके चचरे बाबा लगते थे। तात्या टोपे और लक्षमण राव टोपे सगे भाई थे। तात्या बड़े भाई थे। इतिहास के पन्नो में तात्या टोपे की एक लड़की मनोरमा और लड़का समर टोपे थे, मगर 1857 के ग़दर के बाद से उनका कोई पता नहीं चला। लक्षमण राव टोपे को भी अंग्रेजों ने उस दौरान जेल में बंद कर दिया था, मगर साल 1959 में उनको बरी कर दिया गया। उनके लड़के नारायण राव टोपे थे, जिनकी संतान विनायक राव है। विनायक ने बताया कि लालू प्रसाद यादव हमारे बाबा (तात्या टोपे) से बहुत प्रभावित थे।वो एकबार कानपुर के आन्नदेश्वर मंदिर आए थे। यहां से नानाराव पेशवा के महल पहुंचे। यहां हमारी मुलाकाल लालू यादव से हुई। लालू यादव ने अपना पर्सनल नंबर दिया और कहा था कि जब भी कोई समस्या हो हमें सिर्फ एक फोन लगा देना। हम आपके पास कुछ घंटों के अंदर मौजूद मिलेंगे।
और रेलवे में नौकरी दी
विनायक राव ने कहा, लालू यादव ने उनकी दो बेटियों की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। इसके बाद बतौर रेलमंत्री उन्होंने 7 जुलाई 2007 मेरी बेटियों को रेलवे में नौकरी भी दी। 27 जून 2007 को एक अधिकारी मेरे घर पर आए। उनको लालू यादव जी ने भेजा था। उस अधिकारी ने हमने बेटियों के दस्तावेज मांगे और लेकर चला गया। करीब 10 दिन के बाद लालू यादव ने पूरे परिवार को दिल्ली बुलाया। वहां पहुंचने के बाद दोनों बेटियों से बातें की, फिर दोनों को कानपुर के कंटेनर डिपो में क्लर्क के पद पर नौकरी के कागज़ थमा दिया था। राव ने कहा, लोग लालू यादव को भले ही चाहे जो समझे, मगर वो हमारे परिवार के लिए तो भगवान है। राव कहते हैं कि जब हम दिल्ली में लालू यादव से मिलाने गए थे, तब लालू यादव ने उनके आने जाने का पूरा किराया भी दिलवाया था।
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