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यहां नहीं है योगी सरकार का भय, 32 लाख सरकारी धनराशि ही डकार गए

सूूबे की बीजेपी सरकार केे गांवों के उत्थान के लिए विकास कार्य के नाम पर कर्मचारियों ने लाखों रूपए का घोटाला किया है।

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scam of 32 lakh sarkari dhanrashi

यहां नहीं है योगी सरकार का भय, 32 लाख सरकारी धनराशि ही डकार गए

कानपुर देहात. एक तरफ बीजेपी सरकार सूूबे केे गांवों के उत्थान के लिए विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपया प्रत्येक ग्राम सभा में भेज रही है। जिससे गांवों को चमकाया जा सके। वहीं कानपुर देहात जिले के सिकन्दरा तहसील के एक गांव के ग्राम प्रधान के साथ कुछ अधिकारियों ने मिलकर विकास कराने के नाम पर 32 लाख का घोटाला किया है। वहीं जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई तो गांव के रहने वाले एक शख्स मेघराज ने दोषियों को सजा दिलाने की ठान ली। मेघराज का कहना है कि हमने जिले के कई बड़े अधिकारियों से इस पूरे घोटाले की शिकायत कई बार की लेकिन सुनवाई नहीं हुई है।

यह पूरा मामला राष्ट्रपति के गृह जनपद का है, जहां सिकन्दरा विधानसभा के गांव विलासपुर में ये बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां का विकास तो नही हुआ और सरकारी धन ग्राम प्रधान ने निकाल खुद का विकास जरूर किया है। जब गांव ही रहने वाले एक शख्स मेघराज को पता लगा तो उसने सरकारी कागज निकलवाना शुरू किया तो पता चला की गांव के विकास कार्य को पूरा कराने के लिए सरकारी धन 32 लाख से ज्यादा ही मिला था लेकिन विकास के नाम पर जमीनी हकीकत खोखली है। वह क्योंकि ग्राम प्रधान अलका सिंंह के पति प्रदीप सिंह व कुछ अधिकारियों ने सांंठ गाांठ कर दस्तावेजो में विकास कार्य दिखाकर सरकारी धन को निकाल लिया है।

जब इस घोटाले को उजागर कर जिले के आला अधिकारियों के पास गांव के लोग पहुंचे तो केवल हर बार की गई उस शिकायत की एप्लिकेशन को अधिकारी पढ़कर नीचे डाल देते फिर लोगों को यह विश्वास दिलाकर भेज देते कि जांच होगी और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी।

अब जरा हम आप को गांव का विकास दिखाते है कि कितना विकास गांव के प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी ने मिलकर कराया है।

1- गांव के बाहर बना प्रथमिक स्कूल जिसकी मरम्मत के लिए सरकार की तरफ से कुल 20000 रुपये की धनराशि आई थी लेकिन स्कूल आज भी खुला पड़ा है। यहां तक कि स्कूल में लगी ईटे गांव के लोग आसानी से निकाल लेते है। वही स्कूल के बाथरूम के लिए भी धनराशि दी गई लेकिन बनवाया आज तक नही गया, वह भी खुला पड़ा हुआ है।

2- गांव की सड़कों के इंटरलॉकिंग के लिए सरकार की तरफ से लगभग 7 लाख 96 हजार रुपया मिला लेकिन प्रधान जी ने केवल अपने घर के बाहर की इंटरलॉकिंग करवाई।

3- गांव में बने तालाब के सौंदर्यकरण के लिए भी 2 लाख 42 हजार रुपये की धनराशि मिली लेकिन तालाब की दुर्दशा देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है ग्राम प्रधान ने कितना रुपया लगाया होगा।

4- वही गांव के हैंडपम्पों की मरम्मत और नए रिबोरिंग, नालियों की मरम्मत लिए भी लगभग 4 लाख रुपयों से ज्यादा धनराशि दी गई लेकिन गांव की सड़कों से ज्यादा गांव की नालियों की बुरी हालत है, जिसका मल भी सड़को पर रहता है।

5 -वही प्रधान द्वारा कई ऐसे कार्यो को कागजो पर कराया और रुपया निकाल लिया गया। यहां तक कि बिजली के खम्भो पर लगने के लिए स्ट्रीट लाइटो को लगवाना था, रुपया तो आया लेकिन किसी भी खम्भो में लाइट नहीं लगवाई गई।