कानपुर। प्रधानमंत्री के आदेश के तहत पूरे देश में 75वीं अगस्त क्रांति बड़े धूम-धाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर रेलवे ने भारत के सपूतों के इतिहास को जानने के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों की विशाल प्रतिमाओं की श्रृंखला लगाई थीं। इनमें से दानवीर कर्ण, चंद्रशेखर आजाद, सरदार भगत सिंह, तात्या टोपे, नाना साहब पेशवा, गणेश शंकर विद्यार्थी के अलावा कई अन्य विभूतियों की मूर्तियां यहां पर स्थापित करवाई थीं। लेकिन रेलवे के अधिकारियों की लारवाही के चलते क्रांतिकारी दर्द से कराह रहे हैं। इतना ही नहीं शहीद-ए-आजम सरदार भगत िंसह की मूर्ति टूट कर जमीन पर गिर गई है। बुलेट ट्रेन की बात करने वाली मोदी सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक व नेताओं का यहां से आना-जाना लगा रहता है, बावजूद उनकी नजर इन धरोहरों पर नहीं पड़ी।
बीजेपी नेताओं को नहीं दिखी टूटी मूर्ति
बिठूर से अंग्रेजों के खिलाफ जंग-ए-आजादी का बिगुल फूंका गया, जो पूरे देश में आग की तरह फैल गया। अंग्रेजों से जंग के दौरान सैकड़ों माताओं ने अपने बेटों को हंसते-हसंते देश के लिए कुर्बान कर दिया तो हजारों सुहागिनों का सिंदूर छिन गया और तब कहीं भारत आजाद मुल्क बन सका। रेलवे ने स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों की याद में सेंट्रल स्टेशन परिसर स्थित “पहचान-ए-कानपुर“ थीम पार्क की नीव रखी थी। पार्क में दानवीर कर्ण, चंद्रशेखर आजाद,सरदार भगत सिंह,तात्या टोपे,नाना साहेब पेशवा,गणेश शंकर विद्यार्थी,,मौलाना हसरत मोहनी,कैप्टन लक्ष्मी सहगल जैसी विभूतियों की प्रतिमाएं लगाई गई थीं। प्रतिमाओं को स्थापित करने में परिवर्तन संस्था ने अपना योगदान दिया था और जिसके बाद उसकी जिम्मेदारी रेलवे को सौप दी थी। प्रतिमाओं के स्थापित होने के बाद रेलवे के अधिकारियों ने सुध नहीं ली, जिसके चलते सरदार भगत सिंह की प्रतिमा टूट कर गिर गयी। साथ ही अन्य प्रतिमाएं भी जीर्ण-क्षीर्ण हालत में आंसू बहा रही है।
इस बुजुर्ग ने उठाया जिम्मा
भारतीय रेलवे ने जब प्रतिमाओं के रख रखाव से अपना पल्ला झाड़ा तो चंद्रशेखर आजाद जन कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश कुमार पांडेय ने इनकी देखरेख का जिम्मा लिया है। सर्वेश बुधवार को सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचे और प्रतिमाओं की साफ-सफाई की। भगत सिंह की टूटी प्रतिमा को नए सिरे से तैयार करने के लिए उसे भिजवाया। सर्वेश कहते हैं जब रेलवे परिसर में प्रतिमाओं को स्थापित किया गया था तब रेलवे के सभी अधिकारी मौजूद थे। पर आज वह कह रहे है कि हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। सर्वेश पांडेय का कहना है की भगत सिंह जैसे शाहिद के साथ किया गया खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सर्वेश ने कहा कि बीजेपी के नेता यहां से हरदिन आते-जाते हैं लेकिन उन्होंने उन्होंने कभी सुधि नहीं ली। हम रेलवे के मंत्री पियूष गोयल से मांग करते हैं कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
नहीं तो चंदा कर करेंगे रख-रखाव
सर्वेश कुमार कहते हैं कि यदि रेलवे मदद करता है तो ठीक है और नहीं करता है तो तो हम परिवर्तन ग्रुप से मिलकर चंदा इक्कठा करेंगे। जितना हो सकेगा श्रमदान किया जाएगा ताकि प्रतिमा को फिर से स्थापित किया जा सके। सर्वेश कुमार ने कहा कि वो पूरे मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेलमंत्री पियूष गोयल और सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा कानपुर के दोनों मंत्रियों व सांसदों के पास जाएंगे। शहीदे-ए-आजम की प्रतिमा की देखभाल नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। सर्वेष कहते हैं कि बीजपी के नेता अक्सर अपने को देशभक्त कहते रहते हैं, लेकिन जब देश के सपूतों के मूर्तियों के साथ सरकारी बाबू अन्याय करते हैं तो वो जानकर, अनजान बन जाते हैं।
कुछ इस तरह से बोले जिम्मेदार
सरदार भगत सिंह की प्रतिमा गिरने के मामले पर जब स्टेशन अधीक्षक आरएन त्रिवेदी से बात की गयी तो वह अपना पल्ला झाड़ते हुए बोले कि स्टेशन पर बंदरो का आतंक है, जिसके चलते मूर्ति गिरी है। त्रिवेदी ने कहा कि रेलवे ने सिर्फ थीम पार्क के रख-रखाव की जिम्मेदारी ली थी। प्रतिमाओं की सुरक्षा व साफ-सफाई का जिम्मा परिवर्तन नाम की संस्था को दी गई थी। वहीं मामले पर बीजपी नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी से जब इस प्रकरण पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। फिर भी शहीद भगत सिंह की मूर्ति टूटने के बाद रेलवे ने उचित कदम नहीं उठाया। इसकी हम पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अलावा रेलमंत्री को पत्र के जरिए अवगत करा कार्रवाई की मांग करेंगे।