17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Nikay Chunav: कानपुर में बीजेपी हुई मुस्लिमों पर मेहरबान, 10 फीसदी चेहरों पर लगाया दांव

UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में बीजेपी ने मुस्लिमों कैडिडेंट को टिकट देकर अपनी इस रणनीति पर सभी चौंका दिया है। बीजेपी ने कानपुर के 110 वार्डों में से 11 मुस्लिमों को टिकट दिया है।

2 min read
Google source verification
bjp.jpg

बीजेपी मुस्लिम वोटरों को अपने पाले में लाने में जुटी हुई है।

बीजेपी अपनी रणनीति के तहत निकाय चुनाव में काम कर रही है। बीजेपी की नई रणनीति है कि निकाय चुनाव में मुस्लिमों कैंडिडेट को टिकट दिया जाए। इसी सिलसिले में बीजेपी ने कानपुर के 110 वार्डों में से 11 वार्डों में मुस्लिम चेहरों पर अपना दांव लगाया है। पहली बार बीजेपी किसी चुनाव में इतनी संख्या में मुस्लिमों कैंडिडेट को टिकट दे रही है।

2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यूपी की 80 में से 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में यह तभी संभव होगा जब मुस्लिम वोटर बीजेपी को वोट करें। इसलिए बीजेपी पसमांदा मुसलमानों को अपने पाले में लाने के लिए फोकस कर रही है।

यह भी पढ़ें: UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में दूसरे चरण की नामांकन का आज आखिरी दिन, रविवार को 7689 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा
ये मुस्लिम कैंडिडेट बीजेपी के लिए तैयार करेंगे माहौल
रविवार को पार्टी द्वारा जारी लिस्ट में एजाज अहमद, नजमा बेगम, राबिया खातून, गुलनाज जहां अंसारी, मासूमा खातून, रफत नाज, मो. फैसल अयूबी, मीनू खान, रईस बापू मंसूरी, गुफरान अहमद और नासिर मूसा को टिकट दिया है। यह पहली बार जब इतनी संख्या में मुस्लिम प्रत्याशी बीजेपी के पक्ष में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में माहौल बनाएंगे।

बीजेपी इन दिग्गजों पर जताया भरोसा
बीजेपी ने अपने ज्यादातर दिग्गज पार्षदों पर एक फिर भरोसा जताया है। नवीन पंडित और महेंद्र पांडेय पप्पू लगातार पांचवी बार चुनाव लड़ेंगे। महेंद्र नाथ शुक्ला दद्दा खुद चौथी बार चुनाव लड़ेंगे। एक बार उनकी पत्नी भी जीत चुकी हैं। कौशल मिश्रा, जितेंद्र सचान और अशवेंद्र प्रताप सिंह पत्नी को मिलाकर तीसरी बार मैदान में हैं।

यशपाल सिंह को तीसरी बार टिकट मिला है। धीरेंद्र त्रिपाठी एक बार खुद और एक उनकी मां चुनाव जीती थीं। इस बार फिर धीरेंद्र पर पार्टी ने भरोसा जताया है। इसी तरह कमलेश त्रिवेदी भी चौथी बार मैदान में हैं। लक्ष्मी कोरी, सौरव देव, घनश्याम गुप्ता, नीरज बाजपेई और राघवेंद्र मिश्र को भी दूसरी बार टिकट मिला है।

गोविंदनगर दक्षिणी में पूर्व पार्षद देवेंद्र सब्बरवाल की पत्नी रेनू सब्बरवाल को टिकट मिला है। पार्षद रहीं दीपा द्विवेदी के पति देवेंद्र द्विवेदी इस बार मैदान में हैं।

पार्टी ने इन पार्षदों का काटा टिकट
अशोक नगर वार्ड 37 से भाजपा की पार्षद रहीं नमिता मिश्रा का टिकट गया। इस बार यहां से पार्टी ने पवन गुप्ता पर भरोसा जताया है। वहीं नानकारी से पार्षद रहीं निर्मला मिश्रा की सीट आरक्षित हो जाने से उन्हें वहां से तो टिकट मिल ही नहीं सकता था लेकिन बीजेपी ने उन्हें दूसरे वार्ड से भी समायोजित नहीं किया। कुछ ऐसे भी पार्षद हैं जो पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव नहीं लड़े पर बाद में भाजपा में आ गए थे। ऐसे पार्षदों में प्रमोद जायसवाल को टिकट नहीं मिला। इसी तरह शिवम दीक्षित को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। पिछली बार वह निर्दल लड़े थे।

दूसरे वार्ड से शिफ्ट किए गए पार्षद
जहां कुछ वार्डों का आरक्षण बदलने से कुछ पार्षद टिकट पाने में असफल रहे वहीं कई दिग्गज ने बगल की सीट हथिया ली। इसमें राघवेंद्र मिश्रा, लक्ष्मी कोरी और अवधेश त्रिपाठी शामिल हैं। ग्वालटोली से पार्षद लक्ष्मी कोरी को बेनाझाबर से टिकट मिला। अवधेश त्रिपाठी की पत्नी रचना त्रिपाठी उसमानपुर से पार्षद थीं, अब अवधेश को किदवई नगर दक्षिणी से प्रत्याशी बनाया। उनका वार्ड आरक्षित था। सौरव देव तो ऐसे पार्षद निकले जो पिछली बार मकरॉबर्टगंज की आरक्षित सीट से जीते थे। सीट सामान्य हुई तो भी उनकी दावेदारी को पार्टी ने बरकरार रखा।

यह भी पढ़ें: UP Nikay Chunav: नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में क्या अंतर है, जानें पूरा डिटेल