क्षेत्र में सड़क दुर्घटना और अस्पताल से रैफर के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए मुख्यमंत्री ने गत वर्ष राÓय बजट में प्रदेश के 10 शहरों सहित हिण्डौन में ट्रोमा सेंटर खोलने की घोषणा की थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव ने 20 जुलाई को जिला प्रशासन से ट्रोमा सेंटर के लिए भूमि आवंटन करने के बार में लिखा। इसकी पालना में अतिरिक्त जिला कलक्टर ने एसडीएम को 27 जुलाई तक उपयुक्त भूमि तलाश का आवंटन के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने को कहा है। साथ ही जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को एसडीएम से समन्वय का भूमि आवंटन के प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
चिकित्सालय में नहीं स्थान, तो बाहर होगी भूमि की तलाश-
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित चिकित्सालय प्रभारी से ट्रोमा सेंटर के लिए चिकित्सालय में भूमि की उपलब्धता की जानकारी भी मांगी है। जिससे ट्रोमा सेंटर स्थापित करने की कवायद शुरू की जा सके। वहीं जिला प्रशासन ने चिकित्सालय परिसर में स्थान अभाव होने पर शहरी क्षेत्र में नियमानुसार भूमि आवंटन करने को कहा है।
चिकित्सालय के उप नियंत्रक डॉ. पुष्पेंद्र गुप्ता ने बताया कि ट्रोमा सेंंटर खुलने से अस्पताल में घायलों के उपचार के लिए सुविधाएं बढ़ेगी। इसके चिकित्सालय मेंं अलग से ट्रोमा केयर यूनिट, वार्ड, एक्स-रे, स्टाफ रूम, व इमरजेंसी यूनिट स्थापित होगी। फिलहाल सामान्य एमओटी में सभी प्रकार के इमरजेंसी केसों को एक साथ देखा जाता है।
शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में प्रति दिन करीब एक दर्जन छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटना होती हैं। इसमें औसतन आधा दर्जन घायलों को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया जाता है। प्रति माह 10-15 घायलों को गंभीर स्थिति में रैफर किया जाता है। ऐसे में राजकीय चिकित्सालय में कई वर्ष से लोगों द्वारा ट्रोमा सेंटर स्थापित करने की मांग की जा रही थी।
ट्रोमा सेंटर के लिए जमीन आवंटन तलाशने का पत्र मिला है। उपजिला प्रशासन के
के साथ समन्वय का उपयुक्त भूमि की तलाश की जा रही है।
डॉ. नमोनारायण मीणा, पीएमओ
राजकीय चिकित्सालय हिण्डौन सिटी।
अनूप सिंह, एसडीएम
हिण्डौनसिटी.