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karauli News: खुशखबरी! पांचना बांध के खोले जाएंगे 2 गेट, छोड़ा जाएगा 300 क्यूसेक पानी; जानें क्या है वजह

Panchna Dam: पांचना बांध से गंभीर नदी में पानी छोड़ने की स्वीकृति जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता की ओर से प्रदान की गई।

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करौली

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Alfiya Khan

Apr 04, 2025

DAM

FILE PHOTO

करौली। अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी में आगामी 7 अप्रेल से शुरू हो रहे भगवान महावीर के वार्षिक मेले के लिए करौली के पांचना बांध से शुक्रवार को गंभीर नदी में पानी छोड़ा जाएगा। उच्च स्तर से पांचना बांध से मेले के मद्देनजर कुल 300 एमसीएफटी पानी गंभीर नदी में छोड़ने की अनुमति दी गई है।

अनुमति मिलने के बाद स्थानीय जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को शाम 4 बजे पानी छोड़ने की तैयारी की है। जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि भगवान श्रीमहावीरजी के वार्षिक मेले के मद्देनजर करौली के पांचना बांध से गंभीर नदी में पानी छोड़ने की स्वीकृति जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता की ओर से प्रदान की गई।

इसके तहत शुक्रवार को शाम 4 बजे बांध के 2 गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा जाएगा। इस दौरान कुल 300 एमसीएफटी पानी की निकासी होगी। अधिशासी अभियंता ने लोगों से नदी के बहाव क्षेत्र में आवागमन नहीं करने और अपने पशुओं को नदी के आसपास नहीं जाने देने की अपील की है। गौरतलब है कि परपरा के अनुसार भगवान महावीरजी के वार्षिक मेले के अवसर पर प्रतिवर्ष पांचना बांध से गंभीर नदी में पानी छोड़ा जाता है।

बांध में 1582 एमसीएफटी पानी

जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता वीरसिंह ने बताया कि पांचना बांध का वर्तमान में जलस्तर 257.25 मीटर पर है। यानि करीब 1582 एमसीएफटी पानी है। गौरतलब है कि करौली के पांचना बांध की कुल भराव क्षमता 258.62 मीटर यानि 2100 एमसीएफटी है। इसमें से 240 एमसीएफटी डेड स्टोरेज में रहता है। पांचना बांध जिले का सबसे बड़ा बांध है।

जलस्रोत भी होंगे रिचार्ज

पांचना बांध से पानी छोड़ने से गंभीर नदी में हिलोरें उठेंगी। गंभीर का पेटा जहां पानी से मुस्कुराएगा, वहीं क्षेत्र के जलस्रोत भी रिचार्ज हो सकेंगे, जिससे आसपास के क्षेत्रों के लोगों को गर्मी में पेयजल समस्या से राहत मिल सकेगी। इसके अलावा गर्मियों में पशु-पक्षियों को भी पानी मिल सकेगा। गौरतलब है कि गर्मी के मौसम में विभिन्न क्षेत्रों में पानी का संकट उभरता है, लेकिन नदी में पानी पहुंचने से नदी पेटे सहित आसपास के जलस्रोत रिचार्ज होने से लोगों को काफी राहत मिलती है।

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