हिण्डौनसिटी. वर्धमान नगर में कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के आवास पर बुधवार को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक हुई। इसमें आरक्षण की मांग की शुरुआत से लेकर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए गुर्जर समाज के लोगों की मौजूदगी में विजय बैसला को विजय बैसला को संघर्ष समिति का अध्यक्ष चुना गया।
दोपहर से शाम तक चली बैठक में बक्ताओं ने आरक्षण की मांग के अंकुरण से लेकर समाज के युवाओं लाभांवित होने के सफर पर चर्चा की। लोगों ने कहा कि 20 वर्ष के लम्बे अर्से से चले संघर्ष से समाज को प्रगति राह प्रशस्त हुई है। बैठक में संघर्ष समिति के दिवंगत पदाधिकारी कैप्टन हरप्रसाद तंवर को श्रद्धांजली दी गई। साथ ही तंवर की पत्नी सरवती देवी को संघर्ष समिति में शामिल किया गया। प्रदेश भर से आए संघष समिति के सदस्यों व गुर्जर समाज के लोगों ने परस्पर विमर्श कर सर्वसम्मति कर्नल बैंसला के पुत्र विजय बैसला को संघर्ष समिति का अध्यक्ष चुना लिया। जबकि कर्नल बैंसला संघर्ष समिति के संयोजक बने रहेंगे। बैठक में वक्ताओं ने आरक्षण आंदोलन के मुकदमों के निस्तरण, भर्तियों में रिक्तियों के बैकलॉग आदि मांगों पर जोर दिया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष बैसला ने कहा कि कई लंबित मांगों को लेकर सरकार से वार्ता की जाएगी। गत समझौतों को अक्षरश पालन नहीं होने का मुद्दा सरकार के समक्ष रखेंगे। बैक लॉक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर समाज से चर्चा कर संघर्ष समिति निर्णय करेगी। बैठक में करौली भरतपुर,दौसा, सवाई माधोपुर टोंक,अजमेर, सिकन्दरा, भीलवाड़ा जयपुर, बाडमेर, सिरोही्र, अलवर, छाबड़ा, टोंक आदि जिलों से आए समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति पर असंतोष-
बैठक में सरकार द्वारा हाल ही में की गई देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति पर असंतोष जताया। वक्ताओं का कहना था कि सरकार को बोर्ड के अध्यक्ष मनोयन के मामले पहले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति व कर्नल किरोडी सिंह बैसला से मशबिरा करना चाहिए था। लोगों ने क्षेत्रीय गुर्जर समाज के व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने की बात कही।
इन्होंने किए विचार व्यक्त-
आरक्षण के लिए किए लम्बे संघर्ष में समय-समय पर आंदोलन और परिणाम पर विचार व्यक्त किए। बैठक में गिरीश गुर्जर छाबड़ा, जगदीश मलारना, अधिवक्ता वीरेंद्र सवाई माधोपुर, गिरीश अलीपुरा, शैलेन्द्र सिंह, नरोत्तम अड्डा, हरदेव पावटा, कैप्टन जगराम, गुमान शेरगढ़, जीतू तँवर, महेराराम रायका बाड़मेर, मुकेश कोटपुतली, इंदर देवलेन, हाकिम बैंसला, भानु प्रताप उर्फ बटरू, शीशराम मास्टर, सत्यप्रकाश बरियारा, सूरजकरण अजमेर, हनुमान सीकर, प्रेम सिंह सेंदड़ा, पूर्णमल बरगद कोटपुतली,जयवीर धौलपुर, कपिल गुर्जर आदि ने संबोधन दिया।