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विजय बैंसला ने बोली ऐसी बात….सरकार नहीं करेगी ये काम, तो जनता देगी आगे का अंजाम

Vijay Bainsla said such a thing .... the government will not do this work, then the public will give further resultsजलयोजनाओं में घोटाला करने वालों के खिलाफ हो कार्रवाईपेयजल संंकट पर जनप्रतिनिधियों को भी लिया आडे हाथ

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विजय बैंसला ने बोली ऐसी बात....सरकार नहीं करेगी ये काम, तो जनता देगी आगे का अंजाम

विजय बैंसला ने बोली ऐसी बात....सरकार नहीं करेगी ये काम, तो जनता देगी आगे का अंजाम



हिण्डौनसिटी. शहरी पुनर्गठित जल योजना और अमृत जल योजना में घोटाला करने वालों के खिलाफ कर्नल बैंसला फाउण्डेशन के ट्रस्टी विजय बैंसला ने कड़ा रुख अपनाया है। पानी जैसी मूलभूत जरुरत के मामले में गडबड़झाला करने वालों को किसी सूरत में नहीं बख्शा जाए। सरकार कड़ी कार्रवाई करे। सरकार ने यह नहीं किया तो हिण्डौन के लोग खाप बैठा देंगे। गडबड़ी करने वाला रिटायर हो गया है तो घर से बाहर लाएंगे, या तबादला हो कहीं नौकरी में है तो उसे ढंूढ निकालेंगे। हमारे पानी में गबन करने वालों को यूं ही नहीं छोड़ा जाएगा।


बैंसला ने कहा कि शहर में 90 करोड़ रुपए कर लागत की जल योजना बनने के बाद भी लोग पानी को भटक रहे हैं। जल योजनाओं से शहरवासियों के जरुरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा है। इसके लिए जिम्मेदार अभियंता स्थानांतरण और सेवानिवृति होने पर भी जवाबदारी से बच नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि पानी जैसे गंभीर मामले में घोटाला करने वालों को नहीं छोड़ेंगे। वे खुद जिम्मेदार अभियंता के घर पहुंचेंगेे और इसका जवाब मांगेेंगे कि काम पूरा होने से पहले ही भुगतान के कागजों पर दस्तख्त कैसे किए गए। चाहे वह कर्नल बैंसला का दोस्त ही क्यों न हो। वे छोडऩे वाले नहीं हैं। अब चौराहे पर बैठ कर निर्णय होगा। घोटाले करने वालों का पर्दाफांश किया जाएगा।


बैसला ने राज्य सरकार व जिले के जनप्रतिनिधियों को भी आड़े हाथ लिया। पूर्वी राजस्थान के लोग पेयजल संकट से जूझ रहा है और सरकार दिल्ली में नया राजस्थान हाउस का निर्माण करा रही है। सरकार जनता की मूलभूत जरूरत को भूल फिजूल के कामों के धन खर्च करने से परहेज नहीं कर रही। वहीं जिले में चम्बल को पानी लाने का प्रयास करने की बजाय जिले के विधायक सूखी गंभीर नदी में एनीकट बनवा रहे हैं। सरकार 70 करोड़ रुपए दिल्ली में खर्च कर रही हैं, 9 करोड़ रुपए से सूखी नदी में एनीकट बना रहे हैं। फिर सरकार कहेगी कि पैसे नहीं है।

बैसला ने सुझाया कि चार-पांच गैरजरुरी प्रोजेक्ट बंद लागत को पानी की योजना में लगा दें, तो लोगोंं को पीने का पानी मिल जाएगा। उन्होंने हिण्डौन विधायक भरोसीलाल जाटव, करौली विधायक लाखनसिंह मीणा व टोडाभीम विधायक पीआर मीणा पर तंज कसा कि वे कौनसी दुनिया में हैं। आपकी प्राथमिकताएं कहां पर हैं। हम यहां प्यासे मर रहे हैं, पानी के लिए आखिर आप क्या कर रहे हैं।