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(पत्रिका ब्यूरो,चण्डीगढ़): हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश से प्रदेश में यमुना नदी में आए उफान ने हरियाणा सरकार को चिंतित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने नदी में आई बाढ़ का रविवार को हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। उधर, हथिनीकुंड बैराज से 605949 क्यूसेक पानी निकल चुका है, जो फिलहाल करनाल जिले से होकर जा रहा है और संभावना है कि यह पानी कल यानी सोमवार तक दिल्ली में अपनी दस्तक देगा। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा माना जा रहा है कि इस पानी की रफ्तार चार किलोमीटर प्रति घंटा है।
सीएम ने की किसानों को मुआवजा देने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने बारिश से बीमा रहित फसल को होने वाली क्षति की गिरदावरी कराने और उचित मुआवजा देने का ऐलान भी किया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बरसात होने से जिन किसानों की फसल खराब हुई है, उनकी भरपाई करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना नहीं अपना रखी है, उनकी विशेष गिरदावरी करवाई जाएगी और ऐसे सभी किसानों की भरपाई करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां-जहां किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवाया हुआ है, वहां पर फसल बीमा के माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हिमाचल प्रदेश में बनने वाले बांधों से हरियाणा में होने वाले प्रभाव का अध्ययन करें। मुख्यमंत्री ने बरसात की स्थिति का जायजा लेने व यमुना नदी के जलस्तर की समीक्षा के लिए आयोजित आपात बैठक के बाद अधिकारियों को ये निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि रेणुका बांध गिरी नदी पर, किसाऊ बांध यमुना नदी पर और लखबार बांध टोंस नदी पर बनाए जाने हैं और जब यह बांध इन नदियों पर बन जाएंगे, तब हरियाणा में बाढ़ नहीं आएगी तथा इनके बनने से हरियाणा को अतिरिक्त पानी भी मिलेगा। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पानी की कमी वाले दिनों जैसे कि अत्यधिक गर्मियों व सर्दियों के दौरान भी राज्य को इन बांधों के जरिए जल प्राप्त होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली जलस्तर की जानकारी
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए चौकन्ना रहें ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सकें। मुख्यमंत्री ने यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और पलवल जिलों के उपायुक्तों व अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यमुना नदी के जलस्तर की जानकारी ली और उनके द्वारा किए गए इंतजामों की समीक्षा भी की। बैठक के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि षनिवार शाम 6 बजे 6 लाख 5 हजार 949 क्यूसेक पानी हथिनीकुंड बैराज से निकल चुका है। मुख्यमंत्री को बताया गया कि इससे पहले वर्ष 2010 में इस बैराज से 8.05 लाख क्यूसेक पानी जा चुका है, जबकि वर्ष 2013 में 7.5 लाख क्यूसेक पानी जा चुका है।
कुछ गांवों में आया यमुना का पानी
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि हथिनीकुण्ड बैराज में जब 70000 क्यूसेक से ज्यादा पानी हो जाता है तो हरियाणा में नहरें बंद कर दी जाती हैं और इससे ऊपर के पानी को बैराज के 18 दरवाजों के माध्यम से जाने दिया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि यमुना नदी का पानी करनाल के कुछ गांवों में आया है लेकिन आबादी में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। करनाल के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि करनाल के क्षेत्र में प्रत्येक 20 किलोमीटर में एक एसडीओ तथा 3 जूनियर इंजीनियर तैनात किए गए हैं और आपात स्थिति से निपटने के लिए दो जेसीबी मशीन, एक पोकलैंड मशीन और 20 हजार कटटे भी रखे गए हैं।
Published on:
29 Jul 2018 05:20 pm
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