
नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को पत्र लिखकर बेमौसम वर्षा की सूचना देते हुए धान में नमी की मात्रा में छूट देने का अनुरोध किया है। पंजाब और हरियाणा में एफसीआई के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा नमी की मात्रा की जांच के आधार पर यह बताया गया कि धान के नमूनों में 17% की स्वीकृति योग्य सीमा के मुकाबले पंजाब में 18% से 22% और हरियाणा में 18.2 से 22.7% के बीच नमी पाई गई है। तदनुसार, किसानों को असुविधा से बचाने तथा उनके हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि एमएसपी ऑपरेशन के तहत पंजाब और हरियाणा में धान की खरीद 11 अक्टूबर 2021 से शुरू होगी और सभी एजेंसियों को किसानों की मदद के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।
उच्च नमी वाले धान की खरीद चावल के दाने के नुकसान प्रतिशत में वृद्धि के जोखिम से भरा हुआ है। साथ ही दाने के सिकुड़ने, काले पड़ने, रंग बदलने और इसके संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बन जाएगा। इससे खरीद केंद्रों पर अस्वीकृति हो सकती है और धान की बिक्री में परेशानी होगी और इसके परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान होगा। 10 दिनों की अवधि के बाद यानी उचित परिपक्वता के बाद धान की फसल की कटाई करना बेहतर होगा, तब तक धान के दाने में नमी की समस्या दूर हो जाएगी।
इसके अतिरिक्त पंजाब और हरियाणा राज्य सरकारों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी एजेंसियों को पहले से आ चुके धान को सुखाने के लिए सलाह दें और आगे की उपज को उचित तरीके से सुखाने के बाद मंडी में लाया जा सकता है।
पंजाब और हरियाणा राज्य की सरकारों ने कहा है कि 11 अक्टूबर 2021 से एमएसपी के तहत धान की खरीद शुरू करने का निर्णय किसानों और उपभोक्ताओं के समग्र हित में है, साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के पीडीएस के तहत लाखों उपभोक्ताओं के लिए गुणवत्तापूर्ण खरीद सुनिश्चित करने हेतु एफएक्यू विनिर्देशों के अनुसार धान स्टॉक स्वीकार करने के लिए यह निर्णय सही होगा।
Published on:
02 Oct 2021 01:24 pm
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