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शहीद मेजर अमित देसवाल को नम आंखों से अंतिम विदाई

सैनिक सम्मान के साथ पैतृक गांव सुरहती में हुआ अंतिम संस्कार, भाई ने दी मुखाग्नि, मां बोली देश के लिए दूसरा बेटा भी कुर्बान

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Yuvraj Singh Jadon

Apr 16, 2016

Martyr Major Deswal cremated in native village

Martyr Major Deswal cremated in native village

झज्जर। मणिपुर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के सपूत मेजर अमित देसवाल को नम आखों से सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सुरहेती में किया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। पूरा गांव अपने वीर सूपत को खोकर गम में डूबा था। बीच-बीच में लोग शहीद के अमर होने के नारे लगा रहे थे। चिता को मुखाग्नि मेजर अमित देसवाल के भाई अंकित देसवाल ने दी। अंतिम संस्कार के समय हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, क्षेत्रीय सांसद दीपेंद्र हुड्डा, विधायक रमेश कौशिक सहित कई राजनेता व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

लोगों ने लगाए नारे
शहीद का पार्थिव शरीर सेना के वाहन में गांव सुरहेती लाया गया तो अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग उमड़ पड़े। लोगों ने शहीद मेजर अमित को श्रद्धांजलि दी। लोग'वीर अमित अमर रहें, शहीद मेजर अमित अमर रहें जैसे नारे लगा रहे थे। शहीद को अंतिम संस्कार से पहले सेना व पुलिस की टुकडिय़ों ने सलामी दी। सेना के अधिकारियों, उपस्थित राजनेताओं ओर अन्य लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मुठभेड़ में हुए थे शहीद
मेजर अमित देसवाल मणिुपर के तामेंगलांग जिले में बुधवार रात उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। शुक्रवार सुबह उनका पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा था और वहां श्रद्धांजलि देने के बाद इसे झज्जर लाया गया। दिल्ली में थल सेनाध्यक्ष दलवीर सुहाग सहित सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद मेजर अमित देसवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। मूलरूप से सुरहेती गांव से संबंध रखने वाले मेजर अमित देशवाल का परिवार करीब तीन वर्षों से झज्जर के सेक्टर-6 में रहे थे। मेजर अमित 10 जून, 2006 को सेना में शामिल हुए थे। उन्हें रोमांचक अभियानों की सफलता के बाद स्पेशल फोर्स के लिए चुना गया। अमित देशवाल सेना की स्पेशल फोर्स का हिस्सा थे, जो मणिपुर में उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है। बताते हैं कि कुछ माह पहले वे यूएन पीस कीपिंग फोर्स में ड्यूटी करके लौटे थे। मणिपुर में उनकी तैनाती ऑपरेशन हिफाजत के तहत जनवरी, 2016 में ही हुई थी। उनकी शादी 2009 में नीता के साथ हुई थी। उनका करीब साढ़े तीन साल का बेटा है। परिवार में माता-पिता, बहन व छोटा भाई है। भाई अंकित रिलायंस कंपनी में कार्यरत है।

बेटे पर नाज

अमीत देशवाल की इस शहादत पर अमीत के पूरे परिवार को नाज है। अमित की मां वेदवती ने कहा कि उसका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। उसे अपने बेटे पर नाज है। उसके दो बेटे है वो अपने दूसरे बेटे को भी वो सेना में भर्ती कराकर देश के लिए शहीद करवाने में फर्क महसूस करेगी। वही इस मौके पर अमित की बहन सीमा ने कहा कि अमीत हमेशा खुश रहता था वो दूसरो को भी खुशी देता था। वही भाभी बबली ने कहा कि उनके देवर अमित ने जो कर दिखाया है वो देश व हमारे लिए गौरव की बात है और ऐसे शहीद हर परिवार में हो।

छोटी बहन की नेताओ को नसीहत
उनकी छोटी बहन ने नेताओ को नसीहत देते हुए कहा कि जिस तरह उनके भाई अमित ने देश के लिए शहादत दी है। उसी प्रकार देश के नेताओ जाति-पाति से उपर उठकर देश हित में कार्य करने चाहिए। उनका कहना है कि उनके भाई अमित का मानना था कि अगर युवा बढेगा तो देश बढेगा। वही उनके छेाटे भाई सुमित देशवाल का कहना है अमित हमेशा हर काम को प्लांनिग के साथ करता था। वो किसी भी फिल्ड में पिछे नहीं रहता है।

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