
(चंडीगढ): हरियाणा की भाजपा सरकार जाट आरक्षण आंदोलन की चुनौती से अब तक मुक्त नहीं हो पाई है कि अनुसूचित जातियों के एक बडे वर्ग ने आरक्षण के समान बटवारे के लिए पहले से चले आ रहे ए और बी वर्ग को बहाल करने की मांग उठा दी है। इस मांग को समय रहते मंजूर न करने पर आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा का विरोध करने का ऐलान भी किया है।
अनुसूचित जाति का आरक्षण आंतरिक रूप से ए और बी ब्लाॅक की जातियों में विभाजित था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे समाप्त कर दिया था। अब ए ब्लाॅक में आने वाली जातियां इस विभाजन को बहाल करने की मांग कर रही है। उनका आरोप है कि यह विभाजन समाप्त होने से अनुसूचित जाति आरक्षण का सबसे अधिक लाभ बी ब्लाॅक की जातियों को मिल रहा है।
ए ब्लाॅक महापंचायत के अध्यक्ष डाॅ स्वदेश कबीर के अनुसार वर्ष 2006 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अनुसूचित जाति में ए और बी वर्ग का विभाजन समाप्त कर दिया था। इसके बाद से आरक्षण का नब्बे फीसदी लाभ बी ब्लाॅक की जातियों को ही मिल रहा है। ब्लाॅक ए आरक्षण का लाभ लेने में पीछे रह गया है। ब्लाॅक ए में 37 अति पिछडी जातियां शामिल है। उन्होंने कहा कि बी ब्लाॅक की जातियां आरक्षण का सबसे अधिक हिस्सा ले रही है। यह अत्यधिक अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य है। उन्होंने मांग की कि अनुसूचित जाति की क्रीमीलेयर को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।
डाॅ स्वदेश ने कहा कि ए ब्लाॅक में आने वाली अनुसूचित जातियों ने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को इस शर्त पर समर्थन दिया था कि वह सत्ता में आने पर कांग्रेस सरकार द्वारा खत्म किए गए ए और बी ब्लाॅक को बहाल करेगी। लेकिन भाजपा ने यह वायदा भुला दिया। हमने वायदा याद दिलाने के लिए प्रदेश और राष्ट्रीय भाजपा नेताओं से मुलाकात भी की है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। डाॅ स्वदेश ने इसके विरोध में हरियाणा भाजपा की राज्य कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि यदि ए और बी ब्लाॅक बहाल करने की मांग स्वीकार नहीं की जाती है तो हरियाणा सरकार और प्रदेश के भाजपा संगठन में शामिल ए ब्लाॅक के लोग अपने पदों से इस्तीफा देंगे।
Published on:
18 Aug 2018 05:12 pm
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