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श्री कनकधारा स्तोत्र (Kanakadhara Stotram)
यह स्तोत्र आद्य शंकराचार्य जी द्वारा रचित है, जिसके पाठ से स्वर्ण वर्षा हुई थी। कनकधारा स्तोत्र के पाठ करने से धन धान्य की उत्तरोत्तर वृद्धि होती रहती है।
श्रीमदभागवत गीता (Bhagwat Geeta)
यह महाभारत के भीष्म पर्व से लिया गया है । इसमें भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को आत्मज्ञान दिया तथा कर्म में लगे रहने के विषय में बतलाया है । इसके पाठ करने से घर में शांति सुख व समृद्धि आती है तथा सभी दोष पाठ मात्र से नष्ट होते हैं।
श्री अखंड रामचरित मानस पाठ (Ramcharit Manas)
यह तुलसीदास जी द्वारा रचित है । इस मानस में 7 कांड हैं । जिसका पारायण
(पाठ) अनवरत है । इसलिए इसे अखंड पाठ कहते है । यह 20 से 25 घंटे में पूर्ण होता है । मानस पाठ से घर में शांति तथा यश - कीर्ति बढ़ती है तथा मनुष्य सही नीति से चलता है।
सुंदर कांड पाठ (Sunder Kand)
सुंदर कांड पाठ तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरित मानस से लिया गया है । इस पाठ से हनुमान जी को प्रसन्न किया जाता है । विशेषतः शनि के प्रकोप को शांत करने के लिये सुंदरकांड का पाठ लाभदायक होता है ।
हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)
हनुमान चालीसा कलयुग में मनुष्य के जीवन का आधार है। इसका पाठ प्रायः प्रतिदिन किया जाता है । विशेष रूप से 41 प्रतिदिन पाठ करने से कोई भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए किये गया सभी अनुष्ठान पूर्ण होता है|
बजरंग बाण (Bajrang Baan)
बजरंग बाण के पाठ से मनुष्य सुरक्षित राहता है। इसका कम से कम 52 पाठ करके हवन करने पर विशेष लाभ होता है।
हरि कीर्तन (Hari Kirtan)
प्रभु की कृपा प्राप्ति तथा घर में आनंद एवं सुख के लिये तथा सन्मार्ग प्राप्ति के लिये हरि कीर्तन (हरे राम हरे कृष्ण) करवाया जाता है ।
श्री सुंदर कांड - वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayan Sunder Kand)
वाल्मिकि रामायण के सुंदर कांड का पाठ करने से संतान बाधा दूर होती है तथा इसके प्रयोग से सारी कठिनाइयां समाप्त हो जाती हैं। वाल्मिकि द्वारा रचित सुंदर कांड एक याज्ञिक प्रयोग है । इस पाठ का 108 पाठ विशेषतः हवनात्मक रूप से लाभ दायक है ।
श्री ललिता सहस्त्र नामावली (Lalita Sahastra Namavali)
ललिता सहस्त्र नाम अर्थात दुर्गा माता की प्रतिमूर्ति है । इस सहस्त्र नाम के पाठ से अर्चन व अभिषेक तथा हवन करने से विशेषतः रोग बाधा दूर होता है।
श्री शिव सहस्त्र नामावली (Shiv Sahastra Namavali)
शिव सहस्त्र नामावली के कई प्रयोग है । इस प्रयोग से कई लाभ मिलते हैं। सहस्त्र नामावली के द्वारा अर्चन व अभिषेक तथा हवन प्रयोग से अपारशांती मिलती है।
श्री हनुमत सहस्त्र नामावली (Hanuman Sahastra Namavali)
श्री हनुमत सहस्त्र नामावली के प्रयोग से विशेषतः शनि शांति होती है ।
श्री शनि सहस्त्र नामावली (Shani Sahastra Namavali)
शनि के प्रकोप या शनि कि साढ़े साती या अढ्या चल रही हो तो शनि सहस्त्रनाम का प्रयोग किया जाता है ।
श्री कात्यायनी देवी जप (Katyayani Devi Jaap)
जिस किसी भी कन्या के विवाह मे बाधा आ रही हो या विलंब हो रहा हो तो कात्यायनी देवी का 41000 मंत्र का जप केले के पत्ते पर ब्राह्मण पान खाकर जप करता है , तो उस कन्या के विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यह अनुष्ठान 21 दिन मे पूर्ण हो जाता है । यह प्रयोग अनुभव सिद्ध है ।
श्री गोपाल सहस्त्र नाम (Gopal Sahastra Namavali)
जब किसी भी दंपति को पुत्र या संतान की प्राप्ति न हो रही हो तो, वह सदाचार तथा धार्मिक पुत्र की प्राप्ति के लिये गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ कराए।
गोपाल मंत्र का सवा लाख जप पुत्र प्राप्ति में अत्यंत लाभदायक है । यह प्रयोग अनुभूत है ।
श्री हरिवंश पुराण (Harivansh Puran)
श्री हरिवंश पुराण कथा का श्रवण अत्यंत प्रभावी होता है। जिस किसी भी परिवार मे संतान न उत्पन्न हो रहा हो तो इस पुराण के पारायण [ पाठ ] से घर में संतान उत्पत्ति होती है। यह अनुभूत है तथा यह 7 दिन का कार्यक्रम होता है।
श्री शिव पुराण (Shiva Puran)
श्री शिव पुराण में शिव जी के महिमा का ही विशेष वर्णन है तथा उनके सभी अवतारों का वर्णन किया गया है। यह श्रावण मास या पुरुषोत्तम मास में विशेष रूप से पाठ बैठाया जाता है ।
श्री देवी भागवत (Sri Devi Bhagwat)
श्री देवी भागवत में भी 18000 श्लोक हैं तथा यह माता जी के प्रसन्नता के लिये किया जाता है। यह प्रयोग नवरात्र या विशेष पर्व पर किया जाता है ।
श्री गणपती पूजन एवं अभिषेक (Ganpati Pujan)
किसी भी शुभ अवसर पर यह पूजन किया जा सकता है । इससे सभी बाधाएं दूर हो जाती है तथा कार्य मे उत्तरोत्तर वृद्धि होती है ।
प्रस्तुतिः डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित, ज्योतिषवेत्ता, सोरों
Updated on:
30 Oct 2018 01:28 pm
Published on:
30 Oct 2018 07:00 am
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