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निजी अस्पतालों की लूट, आयुष्मान भारत कार्ड होने के बाद भी मरीजों से पैसा वसूला

भोपाल से कार्रवाई का आया आदेश, धर्मलोक हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड पर 94988 रुपए और एमजीएम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर 84974 रुपए जुर्माना

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कटनी

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Deepankar Roy

May 06, 2022

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कटनी. मरीजों को उपचार के लिए अनाप-शनाप राशि के बिल थमा कर अक्सर विवादों में रहने वाले निजी अस्पतालों की एक और करतूत सामने आयी है। ये अस्पताल गरीब मरीजों को भी लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं। आयुष्मान योजना के निशुल्क उपचार के पात्र हितग्राहियों से भी अवैध वसूली कर रहे हैं। ऐसे अस्पतालों पर सीधे भोपाल से कार्रवाई का आदेश आया। कार्रवाई के लपेटे में शहर के दो बड़े निजी अस्पताल आए हैं। प्रधानमंत्री की गरीबों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के निशुल्क उपचार की आयुष्मान भारत "निरामय" योजना में गड़बड़ी करने पर दोनों अस्पतालों पर जुर्माना लगाया गया है। आयुष्मान कार्ड के पात्र हितग्राही से वसूली गई अतिरिक्त राशि संबंधित मरीज को वापस लौटाने के निर्देश दिए गए हैं।

मरीजों ने की थी शिकायत

कटनी के दोनों प्राइवेट अस्पताल के विरुद्ध वहां उपचार कराने वाले 2 मरीजों ने शिकायत की थी। आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उपचार के लिए शुल्क वसूलने का आरोप लगाया था। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर दोनों अस्पतालों के विरुद्ध जुर्माना कार्रवाई की गई है।

नोटिस भी जारी किया

आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी मरीजों से पैसे वसूल करने के मामले में दोनों अस्पतालों को स्वास्थ विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है। मरीज से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क की 3 गुना रकम बतौर जुर्माना जमा कराया गया है। इस राशि में से मरीज से लिए गए अतिरिक्त शुल्क को संबंधित व्यक्ति को वापस करने के निर्देश हैं।

पीडि़त ऐसे कर सकते हैं शिकायत

आयुष्मान भारत योजना के हितग्राही, निजी अस्पताल में उपचार शुल्क वसूली की स्थिति में तीन स्तर पर शिकायत कर सकते हैं। आयुष्मान हेल्पलाइन पर फोन में, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में और आयुष्मान योजना से जुड़े अधिकारी के निरीक्षण या प्रवास के दौरान पीडि़त अवैध शुल्क वसूली की समस्या बता सकते हैं।

एक हिस्सा मरीज के खाते में जाएगा

आयुष्मान भारत योजना के पात्र मरीजों से की गई अवैध वसूली की राशि का 3 गुना जुर्माना अस्पतालों पर किया गया है। इस राशि की संबंधित निजी अस्पताल को जारी होने वाले आयुष्मान फंड में कटौती कर ली गई है। इसका दो हिस्सा सरकार अपने पास रख कर राशि के बाकी एक भाग को संबंधित मरीज के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है।

मजबूरी का उठा रहे फायदा

आयुष्मान भारत के पात्र हितग्राही मरीज बीमार होने पर बेहतर उपचार की उम्मीद से निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर अस्पताल धोखाधड़ी कर रहे हैं। आयुष्मान पैकेज में कुछ बीमारियां और सर्जरी के उपकरण शामिल नहीं होने का हवाला देकर अवैध कमाई कर रहे हैं। बड़ी संख्या से ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले गरीब मरीज निजी अस्पतालों के चुंगल में फंस जाते हैं।