नागरिकों ने बताया कि कटनी जिले में खनिज से बड़ी राशि बतौर रायल्टी प्राप्त होती है। यहां डिस्ट्रिक मिनरल फंड (डीएमएफ) से भी ब्लड कंपोनेंट मशीन की सुविधा नागरिकों को उपलब्ध करवाई जा सकती है। बस जरूरत है जनप्रतिनिधि इस बारे में ध्यान दें और प्रशासन के अधिकारी तेजी से प्रक्रिया पूरी करें। इसके अलावा कटनी जिले में कई बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। इन इकाइयों की मदद से बड़ी आसानी से नागरिकों को इस मशीन की सुविधा मिल सकती है।
बतादें कि इन दिनों प्लाज्मा के लिए बड़ी संख्या में नागरिक जबलपुर की दौड़ लगा रहे हैं। कई बार वहां एंटीबॉडी टेस्ट और प्लाज्मा बनाकर लाने में विलंब होने के बाद कटनी पहुंंचते तक मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पदाधिकारियों ने कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को ज्ञापन सौंपकर कटनी में ब्लड कंपोनेंट मशीन लगवाने की मांग रखी। एबीवीपी के जिला संयोजक सिप्तेन रजा ने बताया कि कटनी में कोरोना के नए संक्रमित मरीजों की संख्या मेें लगातार इजाफा हो रहा है। इलाज में प्लाज्मा से मदद मिल रही है। एबीवीपी ने कलेक्टर से मांग रखी कि जल्द से जल्द यहां मशीन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।
कोरोना से ठीक हुए मरीजों का प्लाज्मा लेकर संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए शहर की सामाजिक संस्थाओं ने पहल की है। कटनी ब्लड डोनर्स एन्ड वेलफेयर सोसायटी एवं मिलन ब्लड डोनर सोसायटी के टीनू सचदेवा, रौनक खण्डेलवाल, अखिलेश पुरवार, अमित तीर्थानी, निशांत अग्रवाल मनोज द्विवेदी, शिवा सैनी व प्रशांत दुबे ने बताया कि प्लाजमा के लिए रक्तदान से पहले एंटीबॉडी टेस्ट के लिए कई दानदाताओं को जबलपुर भेजना पड़ता था। अब दानदाताओं का एंटीबॉडी टेस्ट कटनी में कराने फैसला युवाओं ने किया है। जो पिछले 2-3 माह में साधारण सर्दी जुकाम व बुखार से स्वस्थ हुए हों, वे भी अपना प्लाज्मा डोनेट करने से पहले एंटीबॉडी टेस्ट करवा सकते हैं।