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जानिए कक्षा 10वीं कब बना था बोर्ड, उसके बाद से पहली बार ऐसा हो रहा कि बिना परीक्षा लिए अंकसूची में लिखा जाएगा पास

-जिन विषयों की परीक्षा हो चुकी है उसमें हुए फेल तो नहीं माना जाएगा पास, जिलेभर में 20 हजार से अधिक विद्यार्थी कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में हुए थे शामिल, 1988 में कक्षा10वीं बना था बोर्ड

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37 students not give board exam,school operator case filed

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कटनी. बोर्ड परीक्षा 10वीं में बचे हुए पेपर अब नहीं होंगे। उस विषय के आगे विद्यार्थियों की अंकसूची में पास लिखा जाएगा। ऐसा 32 साल बाद हो रहा है जब विद्यार्थियों को कक्षा10वीं की बोर्ड परीक्षा में बिना पर्चा हल किए ही उस विषय में पास किया जा रहा। इसके अलावा जिन विषयों की परीक्षा हो चुकी है और कोई विद्यार्थी फेल हो रहा है तो उसे पास नहीं माना जाएगा। प्रदेश में साल 1988 में कक्षा 10वीं को बोर्ड बनाया गया था। इसके पहले कक्षा 11वीं बोर्ड होता था। शिक्षण सत्र 2019-20 में माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा 3 मार्च से कक्षा 10वीं की परीक्षा शुरू कराई गई थी। कई विषयों के पेपर भी हो चुके थे। एकात पेपर ही बचा था। इस बीच पूरा विश्व कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया। जिसको देखते हुए 24 मार्च से देशव्यापी लॉक डाउन हो गया। बचे हुए विषय की परीक्षा स्थिति सामान्य होने तक के लिए टाल दी गई। इधर आगामी शिक्षण सत्र और कुछ जिलों में कोरोना के प्रभाव को देखते हुए शनिवार को प्रदेश सरकार ने कक्षा10वीं की परीक्षा नहीं कराने और उस विषय के आगे अंकसूची में पास लिखने का निर्णय लिया। बतादें कि कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 20 हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए थे।

-बोर्ड परीक्षा कक्षा 10वीं के बचे हुए पेपर नहीं होंगे। कक्षा 10वीं बोर्ड होने के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि उन विषयों के आगे पास लिखा जाएगा। इसके अलावा यदि कोई विद्यार्थी किसी दूसरे विषय में फेल हो रहा है जिसका पेपर पहले हो चुका था तो उसे पास नहीं माना जाएगा।
बीबी दुबे, जिला शिक्षाधिकारी।