
बॉडी वार्न कैमरों का जीआरपी थानों में ट्रॉयल शुरू
कटनी. रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में हर हरकत और अपराधियों पर अब जीआरपी की तीसरी नजर का पहरा होगा। कटनी, जबलपुर सहित आसपास के शासकीय रेल पुलिस (जीआरपी) के जवान बॉडी वार्न कैमरे से लैस हो गए हैं। गश्त के दौरान अब जवानों की वर्दी में शर्ट की जेब (पॉकेट) पर विशेष इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगी रहेगी। इस कैमरे के जरिए किसी भी विवाद, वारदात को रेकॉर्ड करना संभव होगा। अपराधियों को पकड़ने में की गई कार्रवाई की रेकॉर्डिंग और लाइव फुटेज भी उपलब्ध होगी। पुलिस कर्मियों के हाथ खाली रहेंगे। इससे वारदात पर अंकुश लगाने की कार्रवाई के साथ घटना की रेकॉर्डिंग भी होती रहेगी।
ट्रॉयल शुरू, गश्त में उपयोग
रेल पुलिस अधीक्षक (एसआरपी) के निर्देश पर बॉडी वार्न कैमरों का जीआरपी थानों में ट्रॉयल शुरू कर दिया गया है। कटनी, जबलपुर, सागर, गाडरवारा, नैनपुर, छिंदवाड़ा, रीवा, शहडोल जीआरपी थाने में प्रायोगिक तौर पर कुछ कैमरे भेजे गए हैं। इन प्रत्येक थाने से एक-एक कर्मी को बॉडी वार्न कैमरों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया है। ये कर्मी अब थाने में बाकी साथी कर्मियों को कैमरे के तकनीक एवं उपयोग को लेकर प्रशिक्षित कर रहे हैं। कटनी-जबलपुर के बीच ट्रेनों में गश्त में जवान कैमरों को अपने साथ लगाकर चल रहे हैं।
कैमरों की मदद से पुलिस कर्मियों से जांच एवं पूछताछ के दौरान अभद्रता और झड़प की घटनाओं की पड़ताल भी की जा सकेगी। बॉडी वार्न कैमरे पर हरकत रेकॉर्ड हो जाएगी। जीपीसी के कारण पुलिस कर्मी की लोकेशन भी पता चलेगी। इससे घटनास्थल की जानकारी के साथ किसी वारदात पर प्रभावी कार्रवाई संभव होगी। कैमरे में सबूत दर्ज होने से अपराधियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
128 जीबी तक मेमोरी बढ़ा सकेंगे
जीआरपी जवानों को दिए जा रहे बॉडी वार्न कैमरों में कई आधुनिक फीचर्स हैं। बताया जा रहा है कि ये कैमरे माइनस 10 डिग्री और अधिकतम 50 से डिग्री तापमान तक में काम करेंगे। ये वाटरप्रूफ नाइट विजन कैमरे है। इनमें 32 जीबी की इनबिल्ट मेमोरी है। आवश्यकता होने पर इसे 128 जीबी तक बढ़ाया जा सकेगा।
एक बार चार्ज होने पर 16 घंटे सर्विस
बॉडी वार्न कैमरा आकार में छोटा है। इसे आसानी से सामने की ओर जेब के ऊपर या कंधे पर लगाया जा सकता है। इसकी बैटरी एक बार चार्ज होने पर करीब 16 घंटे तक चलती है। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मी किसी से पूछताछ करते हैं या विवाद होता है, तो इसकी कार्रवाई को रेकॉर्डिंग पारदर्शी बनाती है। हर गतिविधि को ऑटोमेटिक कैप्चर करता है।
रेकॉर्डिंग में छेड़छाड़ नहीं हो सकती
पुलिसकर्मियों के जेब में लगे ये बॉडी वार्न कैमरे यात्रियों और अवांछितों की चेकिंग के दौरान ऑडियो-वीडियो रेकॉर्डिंग करेगा। इस कैमरे की रेकॉर्डिंग के साथ कोई छेड़छाड़ या रेकॉर्डिंग को डिलीट करना संभव नहीं है। जीपीएस के माध्यम से कैमरे को सीधा कंट्रोल से जोड़ा जाएगा। इससे हर घटना सीधे जीआरपी कंट्रोल रूम तक भी आसानी से पहुंच सकेगी।
कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है
जबलपुर जीआरपी थाना प्रभारी सुनील नेमा के अनुसार पुलिस जवानों को बॉडी वार्न कैमरे दिए गए हैं। ये कैमरे वर्दी में सामने की ओर लगाए जाते हैं। इससे जवान के हाथ खाली रहते हैं। कैमरों के जरिए घटना की रेकॉर्डिंग होती है। इसका प्रयोग अपराधियों की निगरानी और गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन और ट्रेन में गश्त करने वाले जवान इन कैमरों से लैस किए जा रहे हैं। कटनी जीआरपी थाना प्रभारी बलराम यादव के अनुसार बॉडी वार्न कैमरे के उपयोग को लेकर कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
Updated on:
09 May 2022 03:57 pm
Published on:
09 May 2022 03:56 pm
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