scriptillegal mining in rivers | खोटी कर दी खरी सी नदियां: मनमाफिक चीरा हलफल-उमराड़ व महानदी का सीना, पानी के अभाव में मुश्किल हो रहा लोगों का जीना! | Patrika News

खोटी कर दी खरी सी नदियां: मनमाफिक चीरा हलफल-उमराड़ व महानदी का सीना, पानी के अभाव में मुश्किल हो रहा लोगों का जीना!

locationकटनीPublished: May 04, 2022 09:34:31 pm

Submitted by:

balmeek pandey

बड़वारा-विजयराघवगढ़ क्षेत्र की महानदी, बरही क्षेत्र में हलफल व उमराड़ नदी में अवैध खनन से बर्बादी की कगार पर जीवनदायनी नदियां
अभी भी हों सार्थक प्रयास तो जी उठेंगीं जीवन सलिलाएं...
क्षेत्रवासियों ने कई बार प्रशासन से अवैध खनन रोकने की मांग उठाई, मगर नतीजा रहा सिफर

खोटी कर दी खरी सी नदियां: मनमाफिक चीरा हलफल-उमराड़ व महानदी का सीना, पानी के अभाव में मुश्किल हो रहा लोगों का जीना!
खोटी कर दी खरी सी नदियां: मनमाफिक चीरा हलफल-उमराड़ व महानदी का सीना, पानी के अभाव में मुश्किल हो रहा लोगों का जीना!

कटनी. नदियां हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, नदियों के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। धरती को सिंचित करने से लेकर लाखों जीव जंतु का आसरा तो हैं ही, साथ ही कंठ को तर करने अमृत रूप जल भी मुहैया कराती हैं। इसलिए तो धर्म ग्रंथों में नदियों को भगवान का दर्जा दिया गया है। नदियों की पूजा होती है, मां की संज्ञा दी जाती है, लेकिन कटनी जिले में अवैध खनन से नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा आ रहा है। 365 दिन अविरल बहने वाली नदियां अब सूखने लगी हैं। कई जगह तो छोटी नदियां समाप्त हो गई हैं, तो कई मरणासन्न हैं। जिले की चार प्रमुख नदियां महानदी, उमराड़ नदी, हलफल नदी और कटनी नदी के अस्तित्व नर संकट आ बना है। ऐसे में जरूरत है जीवन को जीवंत रखने के लिए सार्थक पहल की, ताकि पुण्य सलिलाएं जीं उठें और पर्यावरण संतुलन भयावह होने से रुक सके।
ग्रामीण मानते हैं कि जब क्षेत्र की नदियों से मनमाना रेत का खनन नहीं होता था तब नदियों का पानी गर्मियों में सूखता नहीं था, लेकिन खनन से नदियों का प्रवाह रुक गया है। ग्रामीणों की मानें तो अगर यही हालत रही तो क्षेत्र में जबर्दस्त जल संकट खड़ा हो सकता है।

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