
crowded train journey
कटनी. कोरोना काल के बाद पहली बार लंबी दूरी की लगभग सभी ट्रेनों में सीट फुल हैं। कई यात्री वेटिंग टिकट लेकर यात्रा कर रहे हैं। शहर से होकर चलने वाली ज्यादातर ट्रेनों में एसी बर्थ तक के लिए वेटिंग है। स्लीपर कोच में क्षमता से ज्यादा यात्री चल रहे हैं। जनरल कोच खचाखच भरे हुए हैं। बढ़ती भीड़ के बीच कोयला ढोने के लिए रद्द की गई ट्रेनों में यात्रियों की परेशानी और बढ़ा दी है। कटनी से बिलासपुर और भोपाल की तरफ का सफर मुश्किलों भरा हो गया है। यात्रियों को राहत देने रेलवे ने अमरकंटक, रीवा इंटरसिटी सहित कुछ ट्रेनों में एक्स्ट्रा कोच लगाए हैं। लेकिन रद्द की गई ट्रेनों के एवज में लगाए गए यह कोच यात्रियों की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। कुछ ट्रेनों में सफर के लिए मारामारी के हालात बन रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशान शहर के आसपास के स्टेशनों तक जाने वाले यात्री हो रहे हैं। ट्रेनाें में वेटिंग टिकट का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर से बिलासपुर, भोपाल की ओर जाने वाली ट्रेनों में एक सप्ताह की वेटिंग है।
गर्मी में बेहाल हो रहे यात्री
ट्रेन में भीड़ इतनी ज्यादा है कि जनरल कोच डिब्बों के अंदर सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। कोच के दरवाजे से लेकर टॉयलेट तक के सामने यात्री बैठे हुए हैं। बर्थ के बीच में फर्श की खाली जगह में भी बैठकर लोग सफर कर रहे हैं। तेज गर्मी के बीच बच्चों और बुजुर्गों के लिए सफर में मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कुछ ट्रेनें रद्द होने के साथ-साथ बढ़ती भीड़ दिक् कत बढ़ा रही है। शहर से होकर चलने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस, रीवा-रानी कमलापति एक्सप्रेस के साथ-साथ लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग ज्यादा लंबी है। शहडोल, बिलासपुर, दमोह, सागर, भोपाल, जबलपुर सतना, प्रयागराज के यात्री ज्यादा हैं।
स्पेशल ट्रेनें दौड़ाई इधर रेगुलर ट्रेनें निरस्त
रेलवे की ओर से यात्रियों की वेटिंग क्लियर करने के लिए कुछ स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई हैं। इधर कटनी से बिलासपुर के बीच नियमित दौड़ रही ट्रेनों को निरस्त किया गया है। बिलासपुर-भोपाल और रीवा-भोपाल के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के रद्द होने से शादी और गर्मी की छुटियों में सफर की लोगों की योजना चौपट हो गई है। आसपास के स्टेशनों से लेकर राजधानी रीवा बिलासपुर तक आवाजाही की समस्या बढ़ गई है। आसपास के शहरों से पढ़ाई उपचार रोजगार और कारोबार के सिलसिले में आने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा भीड़ उत्तरप्रदेश, बिहार, दक्षिण भारत और मुंबई जाने वाली ट्रेनों में है। इस रुट में कई ट्रेनों में पैर रखने तक की गुंजाइश नहीं है।
भीड़ के साथ दलाल भी बढ़े
भीड़ बढ़ने के साथ कन्फर्म टिकट की कीमत भी बढ़ गई है। दलाल सक्रिय हो गए हैं। तत्काल की टिकटों पर एजेंट मनमाना दाम वसूल रहे हैं। टिकट की मारामारी के बावजूद रेल प्रशासन और आरपीएफ की ओर से दलालों पर शिकंजा कसने कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। दलालों का नेटवर्क शहर के स्टेशन के बजाय आसपास के स्टेशनों से टिकट बुक करने सक्रिय है।
अब लौटने लगे कई यात्री
गर्मी में स्कूलों में अवकाश और शादी का सीजन होने के कारण यात्री बढ़े हैं। कई लोग पर्यटन के लिए भी जा रहे है। इसके कारण लंबी दूरी की ट्रेनों में वातानुकूलित श्रेणी की सीटें भी वेटिंग में पहुंच गई हैं। अब भीड़ और कन्फर्म टिकट उपलब्ध नहीं होने पर कई यात्री योजना स्थगित भी कर रहे हैं। कई यात्री भीड़ देखकर स्टेशन से घर लौटने लगे हैं।
जुर्माना देकर कर रहे सफर
गर्मी और शादी के मौसम में घर तक पहुंचने के लिए कई यात्री बिना रिजर्वेशन ट्रेन में चल रहे हैं। वेटिंग टिकट नहीं मिलने पर अनारक्षित टिकट लेकर जुर्माना देकर स्लीपर कोच में सफर कर रहे हैं। वहीं कई यात्री वेटिंग टिकट पर ही कोच के फर्श में बैठकर यात्रा कर रहे हैं।
Published on:
11 May 2022 05:08 pm
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