इन बातों पर होगा फोकस
डीएफओ आरके राय ने बताया कि इस खास प्रजाति को अपनाया जा रहा है जो बगैर जंगल में रोपे ही बारिश काल में पौधे प्राकृतिक तरीके से तैयार होंगे। इसमें कई प्रजातियों पौधे लगाए जाने हैं। सीड बॉल्स विधि में मिट्टी में खाद और वर्मी कम्पोस्ट मिलाकर उसमें दवा आदि डालकर उसका ट्रीटमेंट कर मिट्टी में मिक्स करके दो-दो बीज मिलाकर बॉल बना लेना है। जो क्षेत्र में पौधे पाए जाते हैं तो उन प्रजातियों के पौधों को डालकर उसे बॉल की तरह बनाकर छाया में सुखा कर बारिश के कुछ दिन पहले पहले अलग-अलग एरिया में डाला जाएगा।
जुलाई में होगा काम
जुलाई में जो पौधरोपण होना है उसकी जानकारी दी गई। नर्सरी से पौधों की पहचान, कहां पर किस पौधों की जरुरत है, कैसे पौधों को कीट-पतंगों से बचाना है उपाय आदि के बारे में बताया गया। रोपण के समय किन बातों का ध्यान रखना है आदि की जानकारी दी गई। इस दौरान आरएस दुबे ने वानिकी में जैविक खाद एवं कीटनाशक दवाइयों का उपयोग तथा सीड बॉल्स विधि से पौधों का उत्पादन का प्रशिक्षण दिया।