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लॉक डाउन का असर, यहां बस ऑपरेटर रोजाना उठा रहे लाखों का नुकसान…

रोजाना बस ऑपरेटरों को हो रहा 25 लाख से अधिक का घाटा, लॉक डाउन में शहर से बंद तीन सैकड़ा के लगभग बसों का परिचालन

कटनीApr 04, 2020 / 11:33 pm

mukesh tiwari

Loss of lakhs to bus operators

बस स्टैंड में खड़ी बसें।

कटनी. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने प्रशासन ने परिवहन सेवा को बंद किया है। आवश्यक वस्तुओं को लाने ले जाने वाले वाहनों को ही विशेष अनुमति पर चलाया जा रहा है। ऐसे में लगभग दो सप्ताह से शहर के बस स्टैंड से संचालित होने वाली बसों का परिचालन भी बंद पड़ा है। नवरात्र के समय से ही बस ऑपरेटरों की कमाई बढ़ जाती है। दो माह के सीजन में होने वाली कमाई पर ही सालभर वाहनों का मेंटीनेंस बस मालिक करते हैं। आपरेटरों के अनुसार सीजन में खर्चा अलग करने के बाद संचालकों को प्रति बस एक हजार रुपये की बचत रोजाना होती है। जिले से इस समय 287 बसों का संचालन होता है और इस हिसाब से देखें तो आपरेटरों को रोजाना 25 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो रहा है। नवरात्र से शादी समारोहों की भीड़ और बारात ले जाने के लिए लोग बसों की बुकिंग करते हैं। जिसमें रूट में चलाने से अधिक कमाई आपरेटरों को होती है।

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लॉक डाउन समाप्त होने पर भी बढ़ेगी परेशानी
इन दिनों प्रियदर्शनी बस स्टैंड सहित अलग-अलग स्थानों पर 90 बसें खड़ी हैं। वहीं कई बसों को चालकों, परिचालकों ने अपने घरों के बाहर खड़ा कर रखा है तो लॉक डाउन के पहले जो वाहन जहां थे, उनको वहीं सुरक्षित छोड़ दिया गया है। संचालकों का कहना है कि लॉक डाउन समाप्त होने तक अधिकांश बसों की बैटरी भी उतर जाएंगी और नए इंजिन के हिसाब से धक्का देकर भी चालू करा पाना मुश्किल होगा। ऐसे में पहले दिन ही अधिकांश बसों का संचालन शुरू होने में भी परेशानी का सामना संचालकों को करना होगा।
खास-खास
– लॉक डाउन तक बसों के फिटनेस, परमिट पर दी गई है छूट
– बीमा में छूट न होने से प्रत्येक वाहन में हर माह 12 हजार का होगा नुकसान
– बसोंं का परिचालन बंद होने से घरों में बैठे कर्मचारियों को वेतन देने की भी सामने आएगी समस्या
– संक्रमण के चलते चालक, परिचालकों के घर में होने से अधिकांश वाहनों की सुरक्षा भी है भगवान भरोसे

इनका कहना है…
शहर से वर्तमान में 287 के लगभग बसों का संचालन होता है। लॉक डाउन में वाहन खड़े रहने से सीजन में हर बस में संचालक को रोजाना आने वाली लगभग एक हजार रुपये की बचत का नुकसान हो रहा है। सीजन की कमाई से ही ऑपरेटर सालभर बसों का मेंटीनेंस करते हैं।
सत्यदर्शन मिश्रा, अध्यक्ष बस ऑपरेटर संघ

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