
Medical collage katni
कटनी. जिले में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप माडल में मेडिकल कालेज की स्थापना होनी है। अनुबंध के अनुसार निजी फर्म कॉलेज का निर्माण करेगी और संचालन करेगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव कटनी आकर 27 दिसंबर को निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे। इधर, झिंझरी में जिला जेल के पीछे कॉलेज के लिए आवंटित जमीन पर पहुंच मार्ग को लेकर असंमजस की स्थिति बनी हुई है। एक मार्ग पॉलीटेक्निक कॉलेज के समीप से होकर यहां पहुंचाता है तो वहीं दूसरे मार्ग की मांग मुख्य मार्ग से सीधे की जा रही है। हालांकि दोनों ही मार्गों पर निजी जमीनें स्थित है, जिससे यहां भूमि अधिग्रहण किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार पॉलीटेक्निक कॉलेज के समीप से मेडिकल के लिए आरक्षित जमीन के लिए जाने वाले मार्ग पर एक किसान की करीब सात आरे जमीन स्थित है। प्रशासन ने यहां मार्ग निर्माण के लिए किसान से सहमति ले ली है, लेकिन अबतक यह तय नहीं हो सका है कि किसान को भूमि के बदले भूमि दी जाएगी या मुआवजा की राशि प्रदान की जाएगी। यहां से कॉलेज पहुंच मार्ग के लिए निर्माण में करीब 1.45 लाख की लागत आएगी। यदि किसान को भूमि का मुआवजा दिया जाता है तो करीब 40 लाख का भुगतान शासन को करना होगा। दूसरी ओर मॉडल रोड से सीधे जेल के समीप से मार्ग निर्माण में एक उद्योगपति की जमीन बाधा बन रही है। यहां उद्योगपति की करीब 20 आरे जमीन का अधिग्रहण कर ही मार्ग बनाया जा सकता है। यदि यहां से मार्ग का निर्माण किया जाता है तो करीब 40 लाख रुपए लागत आएगी और जमीन अधिग्रहण में मुआवजे के रूप में करीब 4 करोड़ का भुगतान शासन को करना पड़ सकता है।
राज्य सरकार निजी निवेशकों को अपना जिला अस्पताल उपलब्ध कराएगी। संचालन प्राइवेट इनवेस्टर्स करेंगे। मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल सरकारी होगा, बाकी सुविधाएं पीपीपी मोड पर दी जाएंगी। फीस मध्यप्रदेश फीस विनियामक कमेटी तय करेगी। पीपीपी मॉडल पर आधारित इस अस्पताल में आयुष्मान भार कार्डधारक मरीजों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को भी निशुल्क उपचार मिल सकेगा वहीं गैर आयुष्मान मरीजों को निजी अस्पतालों के जैसे शुल्क पर उपचार सुविधा मिलेगी। अस्पताल में 75 प्रतिशत बेड आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए होंगे, 25 प्रतिशत बेड का उपयोग निजी एजेंसी करेगी।
मेडिकल कालेज के लिए जिला अस्पताल को भी अनुबंधित संस्था को दिया जाएगा। जहां पर मेडिकल के छात्र अपनी पढ़ाई करेंगे और विशेषज्ञ व चिकित्सक उनका मार्गदर्शन करेंगे। जिला अस्पताल में पिछले कई साल से विशेषज्ञ और स्टाफ से जूझ रहा है। कई बीमारियों के इलाज के लिए विशेषज्ञ पर्याप्त न होने से मरीजों को निजी अस्पताल या मेडिकल कालेज जबलपुर जाकर इलाज कराना होता है। दूसरी ओर जिला अस्पताल में कटनी के साथ मैहर, उमरिया, पन्ना, शहडोल जिलों के मरीजों का बोझ है और प्रतिदिन सैकड़ों मरीज यहां पर अपनी जांच व इलाज कराने पहुंचते हैं। अस्पताल में स्वीकृत पदों में से सिर्फ 50 प्रतिशत विशेषज्ञ व चिकित्सक ही पदस्थ हैं। मेडिकल कालेज के संचालन में विशेषज्ञ व चिकित्सक न होने को लेकर अनुबंधित संस्था द्वारा उसकी पूर्ति की बात कही जा रही है लेकिन इसको को स्थिति स्पष्ट नही हैं।
जिला अस्पताल में विशेषज्ञों और चिकित्सकों के 62 पदों की स्वीकृति शासन स्तर से है। जिसमें से सिर्फ 31 पदों पर पदस्थापना है और 31 ही पद लंबे समय से रिक्त पड़े हुए हैं। बच्चों की जांच व इलाज के लिए अलग से वार्ड व आइसीयू की व्यवस्था है, लेकिन स्वीकृत सात पदों में से सिर्फ एक चाइल्ड स्पेशलिस्ट ही पदस्थ है। एनस्थिसिया के लिए स्वीकृत पांच पदों में से सिर्फ दो और मेडिकल स्पेशलिस्ट के भी पांच में से दो पद पर ही चिकित्सक तैनात हैं। हड्डी रोग के दो पद खाली पड़े हैं तो पैथोलास्जिट के स्वीकृत दो पदों पर किसी की भी पदस्थापना नहीं है। रेडियोलाजिस्ट के दो पदों पर पदस्थापना न होने से सोनोग्राफी व एक्सरे रिपोर्ट के लिए अनुबंधित चिकित्सकों की सेवाएं तक जिला अस्पताल को लेनी पड़ रही हैं। इसके अलावा डेंटल व आयुष विभाग में भी कोई पदस्थापना नहीं है। मेडिकल आफिसरों के स्वीकृत 23 पद में से सिर्फ 14 लोग ही सेवाएं दे रहे हैं।
जिला अस्पताल में विशेषज्ञों और चिकित्सकों की कमी के साथ ही स्टाफ की कमी होनेे के कारण कई मशीनें रखी धूल खा रही हैं। प्रशासकीय अधिकारी, मुख्य लिपिक, सहायक ग्रेड, एक, दो, स्टोर कीपर, लेखापाल, कैशियर के पद कार्यालय में रिक्त पड़े हैं। इसके अलावा लैब टेक्निशियन के 15 पदों में से मात्र दो ही लोग पदस्थ हैं तो विभाग के अन्य पदों पर भी स्वीकृत पदस्थापना 73 है और उसमें से सिर्फ 36 पदों पर ही कर्मचारी काम कर रहे हैं। जिला अस्पताल के ट्रामा यूनिट सेंटर में रेडियोग्राफर, लैब टेक्निशियन, ओटी टेक्निशियन के स्वीकृत आठ पदों में एक भी कर्मचारी तैनात नहीं है। नर्सिंग अधीक्षक का पद रिक्त है तो छह मेट्रिन में से सिर्फ एक ही काम कर रही है। नर्सिंग संवर्ग में जिला अस्पताल के लिए 194 पद स्वीकृत हैं और उसमें से 168 पद भरे हैं और 26 पद लंबे समय से रिक्त हैं।
जिले में मेडिकल कालेज की स्थापना को लेकर सरकार ने संस्था से अनुबंध किया है, जो पीपीपी माडल में मेडिकल कालेज का संचालन करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से संस्था को मेडिकल कालेज की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि दी गई और उसके साथ ही जिला अस्पताल का उपयोग भी संस्था तीन साल से अधिक समय तक कर सकेगी। ऐसे में विशेषज्ञों व स्टाफ की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल में छात्रों की सुविधा को लेकर संस्था द्वारा ही विशेषज्ञों व स्टाफ की कमी को दूर करने की बात कही जा रही है, लेकिन उसको लेकर स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं।
27 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कटनी प्रवास पर रहेंगे। अपने दौरे के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तथा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज का विधिवत भूमि पूजन करेंगे। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं खजुराहो-कटनी सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने बताया कि वर्षों से चली आ रही कटनीवासियों की मांग अब साकार रूप लेने जा रही है और मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले के स्वास्थ्य ढांचे तथा चिकित्सा शिक्षा को नई दिशा मिलेगी। विधायक संदीप जायसवाल ने कहा कि भूमि पूजन के साथ ही इसके निर्माण की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना से न केवल कटनी बल्कि आसपास के जिलों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी, वहीं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी क्षेत्र को एक नई पहचान मिलेगी। इससे मरीजों को बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा और स्थानीय स्तर पर उच्च स्तरीय उपचार संभव हो सकेगा।
झिंझरी में आवंटित भूमि पर मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सडक़ संबंधी समस्या का भी निदान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। 27 दिसंबर को कॉलेज निर्माण के लिए भूमिपूजन किया जाना है।
Published on:
21 Dec 2025 01:48 pm
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