
Natin ne kiya nanki ka Agnisanskar
कटनी. रीठी तहसील के बडग़ांव में एक ह्रदय स्पर्शी मामला सामने आया हैद्व जहां परिवार के एक महत्वपूर्ण कर्तव्य को निभाते हुए, एक विवाहित नातिन ने अपने बेटे के फर्ज को पूरा किया। इस घटना ने समाज में एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बडग़ांव निवासी स्वर्गीय डॉ. आरसी जैन शास्त्री की पुत्रवधु लक्ष्मी जैन जो सिवनी की निवासी हैं, उन्होंने ने अपनी नानी प्रकाशवती जैन के अंतिम संस्कार में बेटे का फर्ज निभाते हुए मुखाग्नि दी।
लक्ष्मी जैन अपनी मां की इकलौती संतान हैं। उनकी मां और नानी दोनों की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी। पांच साल पहले, उन्होंने अपनी मां और नानी को बडग़ांव स्थित अपने ससुराल में लाकर उनकी देखभाल शुरू कर दी थी। उल्लेखनीय है कि पूर्व के वर्षों में सिर्फ पुरुष ही अंतिम संस्कार करते थे, लेकिन अब बहु-बेटियां भी आगे आ रही हैं।
गमगीन माहौल में निभाई जिम्मेदारी
प्रकाशवती जैन का निधन हो गया, और परिवार के सदस्यों, ग्रामीणों की उपस्थिति में, लक्ष्मी जैन ने अपने परिवार की सहमति से गमगीन माहौल में अपनी नानी को मुखाग्नि दी। उनके इस निर्णय से उनके परिवार वाले भी सहमत रहे। इस कर्तव्य को निभाते हुए उन्होंने बेटे का फर्ज पूरा किया है। लोगों ने कहा कि अब पुरानी परंपरा नहीं रहीं, बेटियों भी बेटों से कम नहीं हैं। इस घटना ने न केवल उनके परिवार को गहरे सम्मान के साथ भर दिया है, बल्कि समाज में एक उदाहरण भी पेश किया है, जो बताता है कि पारिवारिक कर्तव्य निभाने में महिला-पुरुष के भेद का कोई बंधन नहीं है।
Published on:
02 Sept 2024 08:34 am
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