माना सबसे घृणित कृत्य
न्यायालय द्वारा निर्णय सुनाते हुए कहा गया कि अभियुक्त का कृत्य अत्यधिक घृणित और निदंनीय है और ऐसे घृणित कृत्यों को किसी भी रूप से प्रोत्साहन दिया जाना उचित नहीं है और अभियुक्त को कड़े दंड से दंडित कर समाज को समुचित संदेश दिया जाना भी पूर्णतया उचित और न्यायसंगत है। प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक हनुमंत किशोर शर्मा एवं सहयोग एडीपीओ नविता पिल्लै द्वारा की गई। उक्त जानकारी मीडिया सेल प्रभारी दिनेश कुमरे ने दी।