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जनता के पैसों की होली: 72 लाख की मशीन पर जमी धूल, नहीं हो रही स्टॉर्ट, शहर में उड़ रहा धूल का गुबार

शहर की सडक़ों की सफाई कराने नगरनिगम ने लाखों की लागत से खरीदी थी रोड स्वीपिंग मशीन, चंद किलोमीटर भी नहीं दिखा असर, सडक़ किनारे हो रही कबाड़

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कटनी

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Balmeek Pandey

Feb 06, 2024

जनता के पैसों की होली: 72 लाख की मशीन पर जमी धूल, नहीं हो रही स्टॉर्ट, शहर में उड़ रहा धूल का गुबार

जनता के पैसों की होली: 72 लाख की मशीन पर जमी धूल, नहीं हो रही स्टॉर्ट, शहर में उड़ रहा धूल का गुबार

कटनी. रोड स्वीपिंग मशीन से शहर की सडक़ों की सफाई कराने के नाम पर नगर निगम ने जनता के पैसे की होली खेली है। होली इसलिए क्योंकि जिस मशीन से शहर को स्वच्छ और धूलमुक्त करने का दावा किया जा रहा था वह खुद धूल फांक रही है। लंबे समय से मशीन खराब पड़ी हुई है और सडक़ किनारे खड़ी कबाड़ की तरह नजर आ रही है। दूसरी ओर 72 लाख खर्च होने के बाद भी सडक़ों की धूल साफ नहीं हो पा रही है। शहर में धूल के गुबार अब भी उड़ रहे हैं,जो पर्यावरण के साथ ही लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नगरनिगम द्वारा करीब 72 लाख रुपए की लागत से दिल्ली के नोएडा से रोड स्वीपिंग मशीन की खरीदी की गई थी। यह मशीन अगस्त 2023 में नगरनिगम के पास पहुंची। जनप्रतिनिधि व अफसरों का दावा था कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में शहर को उच्चतम पायदान पर ले जाने के लिए मशीन खरीदी गई है। हालांकि सर्वेक्षण में कटनी नगरनिगम बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सका। मशीन के माध्यम से 45 वार्डों व शहर के मुख्य मार्गों की साफ-सफाई का कार्य व्यवस्थित तरीके से किया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रोड स्वीपिंग मशीन शहर के मुख्य मार्गों में ही कभी-कभार चलते हुए नजर आई लेकिन नगर के अधिकांश वार्डों में यह मशीन पहुंची ही नहीं और खराब हो गई।

छह माह में नहीं मिला ऑपरेटर, सडक़ किनारे खड़ी की
नगरनिगम ने लाखों रुपए की लागत से रोड स्वीपिंग मशीन तो खरीद ली लेकिन छह माह बाद भी ऑपरेटर नियुक्त नहीं कर सकी है। नगरनिगम के पास इस मशीन को चलाने के लिए ट्रेंड ड्राइवर ही नहीं है। आलम यह है कि इस महंगी मशीन को रखने के लिए भी नगरनिगम जगह उपलब्ध नहीं करवा सका है। फायर ब्रिगेड कार्यालय के सामने कबाड़ की तरह मशीन को सडक़ किनारे खड़ा कर दिया गया है।

एकमाह से पड़ी खराब, अफसर कह रहे तकनीकि फाल्ट
जानकारी के अनुसार नगरनिगम के पास ट्रेंड ड्राइवर न होने के कारण नौसिखिया चालकों से इस मशीन का संचालन करवाया गया है। ट्रेंड ड्राइवर न होने की वजह से मशीन कुछ ही किलोमीटर पर चलकर खराब हो गई है। करीब एक माह से मशीन खराब होने के चलते बंद पड़ी है लेकिन नगरनिगम के अफसर से तकनीकि फाल्ड बता रहे है।

हर माह खर्च हो रहे सवा करोड़ रुपये, फिर भी गंदा शहर
नगर निगम में 500 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों की फौज है। बड़ी मशीनरी और बड़ी एजेंसी एमएसडब्ल्यू है। हर माह लगभग सवा करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, इसके बाद भी शहर हमेशा गंदगी से अटा रहता है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि नगर निगम के अफसरों और जनप्रतिनिधियों में मॉनीटरिंग में कमी व इच्छाशक्ति की कमी है। जानकारी के अनुसार नगर निगम में सीनेटरी इंस्पेक्टर 4, वार्ड दरोगा नियमित 11, शेष 45 वार्ड में दैवेभो वार्ड दरोगा हैं। चार लाख रुपये से अधिक वेतन में खर्च हो रहा है। ननि के स्वास्थ्य विभाग में करीब 152 नियमित हैं, दैवेभो करीब 300, स्थाई कर्मी 70 हैं पूरे मिलाकर साढ़े 500 से ज्यादा कर्मचारी हैं, जिनमें लगभग 70 लाख रुपये हर माह वेतन में खर्च हो रहे हैं। 35 से 40 लाख रुपये हर माह एमएसडब्ल्यू को भुगतान हो रहा है, इसके बाद भी शहर गंदा-गंदा है। आयुक्त भी सिर्फ बेहतर सफाई के निर्देश की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। नोडल अधिकारी आदेश जैन को भी सफाई से विशेष सरोकार नहीं है।

इनका कहना
शहर के मुख्य मार्गों पर रोड स्वीपिंग मशीन से सफाई पूर्व में कराई गई है। तकनीकि खामी के चलते वर्तमान में मशीन बंद है। कल कंपनी के कर्मचारी यहां पहुंच रहे है। मशीन को चालू किया जाएगा। ट्रेंड चालक के लिए स्वीकृति मिल चुकी है। कंपनी के माध्यम से चालकों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। संजय सोनी, स्वास्थ्य अधिकारी, नगरनिगम