पत्रिका के सवालों का नवागत एसडीएम ने दिए बेबाकी से जवाब, अमल कराना होगा चुनौती!
कटनी. कलेक्टर दिलीप यादव ने नई प्रशासनिक व्यवस्था के तहत डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार और नायब तहसीलदार की पदस्थापना में फेर बदल किए हैं। शहर एसडीएम की कमान डिप्टी कलेक्टर प्रमोद चतुर्वेदी को सौंपी है। मंगलवार शाम चतुर्वेदी ने पदभार ग्रहण कर लिया है। बुधवार से नियमित कार्यालयीन दिनचर्या की शुरुआत करते दिखे।
नवागत एसडीएम से पत्रिका ने शहर की कानून-व्यवस्था, राजस्व मामलों और लंबित न्यायिक प्रकरणों की समीक्षा पर चर्चा की गई। जनहित के मुद्दों पर सक्रियता दिखाने, क्षेत्रीय प्रशासनिक तंत्र को प्रभावशाली बनाने के मुद्दों पर पत्रिका द्वारा पूछे गए सवालों का एसडीएम ने बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने न केवल अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि शासन के हर दिशा-निर्देश का उद्देश्य आम जनता को त्वरित न्याय और बेहतर सुविधा देना है।
एसडीएम- अपराध नियंत्रण, अवैध गतिविधियों पर निगरानी व शांति व्यवस्था के लिए जो भी शासन व कलेक्टर के निर्देश पर जनता की सुविधा के लिए वह प्रयास किए जाएंगे। समस्याओं की जड़ में जाकर उनका समाधान निकाला जाएगा। सत्यापित कराया जाएगा, कारणों को समझते हुए विभागों के माध्यम से समाधान का प्रयास किया जाएगा।
एसडीएम- भूमि विवाद, नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा आदि के ज्यादातर प्रकरण प्रारंभिक कोर्ट नायब तहसीलदार, तहसीलदार कोर्ट में रहते हैं, पूर्णकालिक तहसीलदार राजस्व कोर्ट में सुनवाई करेंगे, सुबह 10 से 6 तक सुनवाई करेंगे तो समस्या हल होगी।
एसीडमए- हर प्रकरण को समयसीमा में निराकृत कराने पर जोर दिया जाएगा। अधिकारियों को कहा जाएगा कि अनावश्यक प्रकरण में पक्षकारों को परेशान न किया जाए, बेवजह की अड़ंगेबाजी न हो। शासकीय स्तर पर अभिलेख देखकर प्रकरण निपटाएं, हर सप्ताह प्रगति देखी जाएगी।
एसडीएम- शहर में अतिक्रमण व अवैध निर्माण में कार्रवाई के लिए नगर निगम व राजस्व की संयुक्त भूमिका रहती है। नगर निगम को भी एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाती है, नजूल, शासकीय सहित अन्य भूमियों में कार्रवाई करना है तो सजगता से कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम- हमारा विकासशील देश है। लोग अधिक से अधिक सुविधाएं व सहूलियत चाहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति बीपीएल चाहता है, लेकिन उनके नियम हैं। जो लोग पात्र हैं उसको लाभ मिले यह व्यवस्था दी जाएगी। उचित फोरम से अपात्र होने के बाद लोग आवेदन करते हैं, इसलिए संख्या बढ़ती है तो ऐसे प्रकरणों में की समीक्षी की जाएगी।
राजस्व का अमला प्रशासन का एक चेहरा होता है। लोगों की बड़ी उम्मीदें रहती हैं। जो भ्रांति है या कुछ शिकायतों को सभी में थोपा जाता है, उसे दूर करेंगे। कलेक्टर के कठोर निर्देश हैं कि भ्रष्टाचार न हो। पूरी पारदर्शिता से काम होंगे, नीचे तक निगरानी की जाएगी। भ्रष्टाचार करने वाले दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।