8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अजब ट्रेन: 53 मिनट में 62 किमी फिर 3 किमी के लिए लगे 2.38 घंटे

singrauli jabalpur intercity express late

2 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Dec 10, 2024

singrauli jabalpur intercity express late

singrauli jabalpur intercity express late

दो घंटे 33 मिनट आउटर में खड़ी रही ट्रेन, परेशान हुए यात्री, सिंगरौली-जबलपुर इंटरटिसी का मामला
बाजार जाने वाले, देहाड़ी मजदूर व अपडाऊनर सहित सभी यात्री हुए हताश, रेलवे के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

कटनी. किराया बचाने व सुरक्षित सफर के लिए लोग ट्रेन से आवाजाही करना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ ट्रेनों में यात्रियों के लिए सफर करना मुसीबत भरा हो जाता है। कटनी जंक्शन, साउथ स्टेशन व मुड़वारा स्टेशन के आउटर में यात्री ट्रेनों का खड़ा होना यात्रियों को रुला देता है। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया। सिंगरौली-जबलपुर इंटरसिंटी एक्सप्रेस में यात्रा करने वाले यात्रियों खासे परेशान हुए। यह ट्रेन साउथ स्टेशन के आउटर में ढाई घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही। सुबह की टे्रन होने के कारण यात्री खासे परेशान हुए। सिंगरौली, बिलासपुर लाइन की गाडिय़ों में अक्सर यह समस्या हो रही है, बावजूद इसके रेलवे के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
जानकारी के अनुसार खन्ना बंजारी (बरही) में ट्रेन क्रमांक 11652 जबलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस 8 बजकर 23 मिनट के स्थान पर 8 बजकर 50 मिनट पर पहुंची। 27 मिनट यहां पर देरी से पहुंची। इसके बाद यहां से 8 बजकर 29 में रवाना हुई और इस ट्रेन से 62 किलामीटर की दूरी 53 मिनट में तय कर लिया, लेकिन एक किलोमीटर साउथ स्टेशन की दूरी तय करने में इस ट्रेन को दो घंटे 30 मिनट का वक्त लगा। बता दें कि इंटरटिसी एक्सप्रेस को कटनी साउथ स्टेशन पर सुबह 9 बजकर 55 मिनट में पहुंच जाना था, लेकिन यह ट्रेन न्यू कटनी ब्रिज में खड़ी रही और सिग्नल मिलने के बाद 9 बजकर 55 मिनट की बजाय 12 बजकर 28 मिनट में पहुंची। याने कि लगभग दो घंटे 33 मिनट पर ट्रेन आउटर में ही खड़ा रही। इसके बाद यह ट्रेन 11 बजकर 45 मिनट में जबलपुर पहुंचने की बजाय दोपहर दो बजकर 17 मिनट में पहुंची।

इस जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के साथ बड़ी बेपरवाही…

आउटर में खड़े होने से समस्या
यात्रियों ने बताया कि ट्रेन के आउटर में खड़े होने से वे कहीं के नहीं रहते। वहां से कोई साधन न मिलने के कारण फंसकर रह जाते हैं। ट्रेन के आउटर में खड़े होने से लोग समय पर न तो बजार पहुंच पाते ना ही नौकरी पर। देहाड़ी मजदूरों के सामने सबसे गंभीर गंभीर समस्या होती है। देरी से पहुंचने पर हाफ टाइम लगता है या फिर काम नहीं मिलता। रेलवे की विसंगति के कारण यात्रियों को परेशानी होती है। कई लोगों को स्टेशन में समय से पहुंचकर अन्य स्थान पर जाने के लिए ट्रेन पकडऩी होती है, लेकिन ट्रेन के समय पर न पहुंचने के कारण भी परेशानी होती है।