
Studying in schools with zoom app
कटनी. लॉकडाउन के चलते वर्क फ्रॉम होम शुरू हो गया है। लोग घरों से ही कामकाज कर रहे हैं। स्काइप व जूम जैसे वीडियो कॉलिंग एप के माध्यम से संस्थाएं ऑनलाइन मीटिंग भी कर रही हैं। यही नहीं अब ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी जूम एप का सहारा लिया जा रहा है। जिले के स्कूलों में इस एप के जरिए पठन-पाठन भी शुरू कर दिया है। स्कूल में शिक्षक और ब्लैकबोर्ड के स्थान पर जूम एप से पढ़ाई शुरू हुई है। भोपाल से आए स्लेबस के अनुसार शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं। यदि किसी दिन स्लेबस नहीं आ पाता तो स्थानीय स्तर पर शिक्षक स्लेबस तैयार कर विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस एप से शिक्षा विभाग ने हाई व हॉयर सेकंडरी स्कूलों में पढ़ाई तो शुरू करा दी है, लेकिन तकनीकी और मोबाइल की समस्या के चलते अधिकांश बच्चे इसका लाभ नहीं उठा पा रहे। हालांकि इस पद्धति के चलते समस्या भी हो रही है। कई बच्चों के पास एन्डाइड फोन नहीं है, डाटा न होना भी समस्या है। पालक भी अभी उपयोगिता को नहीं समझ हरे हैं। बच्चे एप भी डाउनलोड नहीं कर रहे, बच्चे ऑनलाइन नहीं आते हैं। गांव के बच्चे खेती का भी बहाना बना रहे हैं। लिखने में भी आनाकानी करते हैं। इसके अलावा वीडियो बनाकर भी वाट्सएप पर डालकर कई स्कूलों में पढ़ाई कराई जा रही है।
उत्कृष्ट विद्यालय बड़वारा में शुरू है कक्षाओं का संचालन
जिला शिक्षा अधिकारी बीबी दुबे कटनी के निर्देशन एवं प्रभा मिश्रा प्राचार्य के नेतृत्व में उत्कृष्ट विद्यालय बड़वारा में विषयवार, कक्षावार जूम एप के माध्यम से कक्षाओं का संचालन 13 अप्रैल से जारी है। शुरुआती दौर में छात्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में इस माध्यम से अध्यापन में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई, लेकिन लगातार प्रयासों से अध्यापन का उचित लाभ विद्यार्थियों को मिलने लगा है। विद्यार्थियों को पढ़ाने में पूर्व प्रभारी प्राचार्य जुगल चौरसिया, ज्ञानेंद्र, रचना तिवारी, संजीव निगम, प्रदीप तिवारी, आकांक्षा स्वर्णकार, तीरथ रजक, सुचिता गुप्ता, उमेश निगम, वासुदेव झारिया, अरविंद तिवारी, उर्मिला कोरी, उर्मिला कश्यप, मधुबाला गर्ग, करण सिंह, सौरभ जैन आदि शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जा रहा है।
यह है इसकी खासियत
इस एप के माध्यम से एक साथ 100 लोग (क्लास) वीडियो कांफ्रेंसिंग हो जा रही है। वन-टू-वन व्यक्ति बात कर सकता है। इस एप में बिना किसी व्यवधान के शिक्षक 40 मिनट तक लेक्चर दे रहे हैं। वहीं विद्यार्थी भी अध्यापक से ऑनलाइन सवाल-जवाब कर रहे हैं। खास बात यह है कि स्क्रीन पर फोटो, वेब और गूगल ड्राइव, ड्रॉपबॉक्स या बॉक्स फाइलों को साझा करने की भी सुविधा है। स्मार्ट मोबाइल फोन के अलावा कंप्यूटर व लैपटॉप पर भी इस एप को डाउनलोड कर काम चलाया जा रहा है। इसमें 40 मिनट का लेक्चरर और 500 लोगों के जुडऩे की क्षमता तक है, जिसे बढ़ाया भी जा सकता है।
खास-खास
- राज्य सरकार के निर्देश पर लर्निंग इनहेंसिंग प्रोग्राम ग्रुप प्राचार्यों का किया है तैयार, कक्षा एक से आठ तक, कक्षा 9 से 12 तक 16 विषयवार शिक्षकों का बनाया गया है ग्रुप, मास्टर ट्रेनों व शिक्षकों को बनाया गया है एडमिन।
- स्कूलों का कक्षा अध्यापक ग्रुप भी बनाया गया है, बच्चों के पालकों को भी जोड़ा गया है, प्रोफाइल फीडिंग के आधार पर बच्चों के नंबर जोड़े गए हैं, बच्चों के मोबाइल भी जोड़े जा रहे हैं।
- नॉन एन्डाइड वाले बच्चों को दूसरों बच्चों से मदद लेकर पढ़ाया जा रहा है, गणित और अंग्रेजी की पढ़ाई शुरू हो गई है, 9 से 10 बजे के बीच मैटेरियल आता है फिर उसे आगे शेयर कर दिया जा रहा है।
- टीवी चैनलों के माध्यम से भी पढ़ाई कराई गई है शुरू, केबिल नेटवर्क के माध्यम से भी की जा रही है पहल, ग्रामीण इलाको को ज्यादा से ज्यादा किया जा रहा कव्हर।
इनका कहना है
बच्चों की पढ़ाई लॉकडाउन में प्रभावित न हो इसलिए जूम एप व सोशल मीडिया व केबिल नेटवर्क के माध्यम से पढ़ाई शुरू कराई गई है। 35 फीसदी बच्चे जुड़ गए हैं। पालकों से बात कर बच्चों को जोडऩे प्रयास चल रहा है, मॉनीटरिंग भी इसकी की जा रही है।
आरएस पटेल, उप संचालक शिक्षा विभाग।
Published on:
16 Apr 2020 09:02 am
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