
कटनी. नगर निगम द्वारा शहर की जीवनदायिनी कटनी नदी को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त बनाने के उद्देश्य से मोहन घाट के समीप सीवरेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन तय समय सीमा पूरी होने के बावजूद यह प्रोजेक्ट अब तक अधूरा पड़ा है। निर्माण की धीमी रफ्तार के कारण शहर के नालों का गंदा पानी लगातार नदी में मिल रहा है, जिससे नदी का जल जहरीला होता जा रहा है।
यह प्लांट लगभग 5 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य लखनऊ की ग्रीन एनर्जी कंपनी को सौंपा गया है। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार प्लांट की क्षमता 2.65 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) होगी। इसके माध्यम से शहर के तीन प्रमुख नालों—मोहन घाट, मसुरहा घाट और गाटरघाट के बड़े नाले—के गंदे पानी का शोधन किया जाना है।
अब तक इन नालों का दूषित पानी सीधे कटनी नदी में मिलकर जल को प्रदूषित कर रहा है। योजना के अनुसार, गंदे पानी को पहले संपवेल के माध्यम से वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाएगा, जहां उसका शोधन किया जाएगा। इसके बाद शुद्ध पानी को नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप और जल गुणवत्ता बेहतर हो सकेगी। नगर निगम का दावा है कि यह परियोजना शहर के पर्यावरण संतुलन और स्वच्छता व्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगी।
जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट जून 2025 तक पूर्ण किया जाना था, लेकिन ठेका कंपनी की लापरवाही और कार्य में देरी के चलते अब तक प्लांट तैयार नहीं हो सका है। हैरानी की बात यह है कि तय समय सीमा में कार्य पूरा न होने के बावजूद नगर निगम द्वारा संबंधित कंपनी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब अधिकारियों का कहना है कि नवंबर के प्रथम सप्ताह तक प्लांट का निर्माण पूरा कर उसे चालू कर दिया जाएगा, लेकिन पूर्व अनुभवों को देखते हुए इस दावे पर भी सवाल उठ रहे हैं।
एक ओर नगर निगम द्वारा कटनी नदी के घाटों का करोड़ों रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इन्हीं घाटों के सामने नदी में गंदा और बदबूदार पानी बह रहा है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी नियमित रूप से घाटों का निरीक्षण कर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर निर्देश दे रहे हैं, नगर निगम आयुक्त स्वयं भी कई खामियां उजागर कर चुके हैं, लेकिन नदी में गिर रहे दूषित पानी की समस्या पर गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।
घाटों के आसपास फैली दुर्गंध आमजन के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। इसके बावजूद न तो निर्माण कार्य को समय पर पूरा कराया जा रहा है और न ही ठेकेदारों पर सख्ती बरती जा रही है। ठेकेदारों की मनमानी का खामियाजा शहर और नदी दोनों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि जनप्रतिनिधियों का भी इस दिशा में विशेष सरोकार नजर नहीं आ रहा है। गौरतलब है कि यह प्रोजेक्ट नवंबर माह में ही शुरू हो जाना था, लेकिन अब तक इसका संचालन नहीं हो सका है। यदि शीघ्र ही निर्माण कार्य पूर्ण कर प्लांट चालू नहीं किया गया, तो कटनी नदी में प्रदूषण की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
डब्ल्यूटीपी प्लांट का काफी हो चुका है। काम में गति आई है। समय पर ठेकेदार ने काम करने कहा है। इस मामले को गंभीरता से दिखवाया जा रहा है। शीघ्र प्लांट चालू हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
Published on:
30 Dec 2025 09:16 am
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