फूलपुर से आजमाएंगे भाग्य भाजपा में मेयर चुनाव को लेकर आपस में मचे घमासान के बीच इस बात की भी जोरों से चर्चा है कि सूबे के कैबिनेट मंत्री पर भाजपा दांव लगा सकती है। जानकारों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक्सपेरिमेंटल ब्याय और सुबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की फूलपुर लोकसभा के उपचुनाव में भाग्य आजमाने की चर्चा है। हालांकि इसकी चर्चा है, पर अभी कोई खुल कर बोलने को तैयार नही है। लेकिन शहर की राजनीति पर नजर बनाए हुए कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो सिद्धार्थ नाथ सिंह खुद को उत्तर प्रदेश की राजनीति में फिट नहीं कर पा रहे हैं। उसकी वजह यह है कि सिद्धार्थ नाथ राजनीतिक सफर में हमेशा राष्ट्रीय कद के नेता रहे। राष्ट्रीय प्रवक्ता,राष्ट्रीय सचिव और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित
अमित शाह के बेहद करीबी और उनके सलाहकारों में जाने जाते रहे है।
जातीय समीकरण तय करेगा प्रत्याशी जिले की राजनीति का समीकरण इस समय यह है कि शहर में निकाय चुनाव और फूलपुर का उपचुनाव लगभग एक समय होना है। निकाय चुनाव में सिद्धार्थ नाथ सिंह के भाई चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह मेयर का चुनाव लड़ना चाहते हैं। सूत्रों की माने तो चौधरी राघवेंद्र नाथ के लिए बड़े स्तर पर कोशिश में भी जारी है।मेयर के चुनाव में चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह को भाजपा से टिकट मिलने पर जीत इसलिए भी आसान हो सकती है क्योंकि शहर उत्तरी में लगभग 80 हजार और पश्चिम में 40,000 श्रीवास्तव वोट है जो सीधे एकजाई केपी ट्रस्ट के सदस्य और केपी ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष होने के नाते राघवेंद्र सिंह के खाते में जाएगी। इसके पहले राघवेंद्र नाथ के बड़े भाई चौधरी जीतेंद्र नाथ सिंह कांग्रेस के टिकट पर मेयर रह चुके है।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी रहे थे सांसद राघवेंद्र नाथ अगर भाजपा से टिकट मिलता है और जीत मिलती है। तो उसका सीधा फायदा फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव में सिद्धार्थ नाथ सिंह को मिल सकता है। सिद्धार्थ नाथ सिंह के नाना पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री इलाहाबाद लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। उनकी मृत्यु के बाद वर्ष 1967 में उनके बेटे हरिकिशन शास्त्री भी सीट से उम्मीदवार रहे है। उस दरमियान शहर के सभी विधानसभा क्षेत्र इलाहाबाद लोकसभा में ही आते थे जो वर्तमान में फूलपुर लोकसभा में है।
by Prasoon Pandey