कुल 60 कंपनी के 6000 से अधिक जवान पहुंचे थे चुनावी ड्यूटी में। अधिकतर जवानों को माओवादी संवेदनशील मतदान केंद्रों में तैनात किया था, ताकि मतदाता शांति से मतदान कर सके। मतदाताओं ने भी अपनी ताकत दिखाई और लोकतंत्र को मजबूत बनाने घरों से निकलकर कई किलोमीटर पैदल चलकर मतदान केंद्र पहुंचे अपने मताधिकार का उपयोग किया। यह माओवादी पर लोकतंत्र की जीत है।