
Diarrhea case In CG: कबीरधाम जिला में डायरिया का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक अलग-अलग गांवों से डायरिया से ग्रषित मरीज सामने आ रहे हैं। ग्राम बहरमुड़ा, दुबहा और गोपालभवना के बाद अब बोड़ला विकासखड़ के सुदूर वनांचल ग्राम सोनवाही में उल्टी-दस्त से दो लोगों की मौत हो गई है।
Diarrhea death case in Kawardha: सोनवाही में 10 जुलाई दो ग्रामीण सोनसिंह पिता ईतवारी (45) और फूलबाई पति मंगल सिंह की मौत हुई है। ग्रामीण संजय ने बताया कि 10 जुलाई को सोनसिंह अचानक अपने खेत से लौटे। उसके बाद उन्होंने तबियत खराब होने की बात अपने घर वालों को बताया।
Diarrhea case In CG: उन्हे उल्टी हुई और तीन से चार घंटे बाद उसकी आकास्मिक मौत हो गई। इसी प्रकार महिला फूल बाई की भी उल्टी और तबियत खराब हसे मृतक होना बताया गया है। इन दोनों का घर अलग-अलग मोहल्ले में है। इससे पहले सुरेश की मौत 8 जुलाई को अज्ञात बीमारी हुई थी। वहीं लीकेश्वरी की मौत लालघाट मध्यप्रदेश में उसके मायके में हुई थी।
Kawardha Diarrhea case: एक महीना पहले उसकी जचकी हुई थी। वहीं संती बाई सोनवाही गांव की रहने वाली थी, लेकिन मौत ससुराल पड़कीपारा लोहारा में हुई है। पांचों सोनवाही गांव के ही रहने वाले हैं। जिले के बोड़ला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही में 10 जुलाई को उल्टी-दस्त से दो ग्रामीणों की अकास्मिक मौत का वास्तविक कारणों का पता लगाने कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल व स्वास्थ्य, पीएचई, बोड़ला अनुविभागीय अधिकारी के साथ संयुक्त रूप से गांव का अवलोकन किया और प्रभावित परिवारों से मिले।
कलेक्टर ने गांव के सभी पारा-मुहल्ले में पहुंचकर ग्रामीणों से स्वास्थ्यगत आवश्यक चर्चा की। कलेक्टर ने ग्रामीणों द्वारा पेयजल के लिए उपयोग में लाए जा रहे कुंआ का भी अवलोकन किया। लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को गांव के सभी कुओं का क्लोरिनेशन कराने और ग्राम के सभी ग्रामीणों को स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
ग्राम झलमला में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। वनांचल क्षेत्र में डायरिया, उल्टी-दस्त, जलजनित बीमारी, मलेरिया के बचाव के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान वं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही बरसात के दिनों में जंगली जहरिले मशरूम के सेवन न करने के लिए भी लोगों में जागरूक करने के निर्देश दिए।
मौसमी बीमारी व उल्टी-दस्त के प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम सोनवाही में बनाए गए अस्थायी स्वास्थ्य शिविर व अस्पताल का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि स्वास्थ्य परीक्षण में 8 ग्रामीणों में मलेरिया पाजेटिव पाई गई है। कलेक्टर ने मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को गांव और आसपास के अन्य ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए।
ग्राम सोनवाही में ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण व घर-घर सर्वें करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तर की टीम व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला और चिल्फी की टीम गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की टीम 10 जुलाई की रात को ही ग्राम सोनवाही में पहुंच कर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
सीएमएचओ डॉ. राज ने बताया कि फुलबाई के घर के दो और सदस्यों की तबियत खराब है, जिन्हे झलमला में भर्ती कराया गया है। कलेक्टर ने दोनों का स्वास्थ्य सुधार की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचकर अवलोकन भी किया। डॉ. राज ने बताया कि जांच व पुछताछ के प्रथम दृष्टयता में जंगली मशरूम व अन्य कोई विषाक्त भोजन सेवन की जानकारी मिल रही है। मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्डम रिपोर्ट में ही सामने आएगी। उन्होंने बतया कि गांव में मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए जैनरिक दवाइयों को वितरण किया जा रहा है।
ग्राम सोनवाही में मौसमी बीमारियों के रोकथाम के लिए ग्राम संचालित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया है। बोड़ला बीएमओ डॉ. विवेक चन्द्रवंशी ने बताया कि जांच में 8 ग्रामीणों में मलेरिया पॉजेटिव पाई गई है। सभी को दवाईयां दी गई है। कलेक्टर ने सोनवाही सहित आसपास के गांवों में भी स्वास्थ्य शिविर लगाने के निर्देश दिए है।
स्वास्थ्य विभाग को वनांचल क्षेत्र में डायरिया, उल्टी-दस्त, जलजनित बीमारी, मलेरिया के बचाव के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही बरसात के दिनों में जंगली जहरिले मशरूम के सेवन न करने और उनके पहचान के लिए भी लोगों में जागरूक करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने ग्रामीणां को रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग के लिए आग्रह किया है।
Updated on:
13 Jul 2024 06:39 am
Published on:
12 Jul 2024 03:21 pm
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