
संकरी नदी में कटाव, दर्जनभर गांव के लोगों पर मंडराता खतरा
कवर्धा. जिले के भोरमदेव मैकल पर्वत श्रृंखला से संकरी नदी का उद्गम हुआ है। यह नदी करियाआमा होते हुए भोरमदेव मंदिर के किनारे से कवर्धा से आगे बेमेतरा जिले में जाकर शिवनाथ नदी से मिलती है। इस बीच कई छोटे बड़े गांव आते हैं, जिनके किनारे कटाव की समस्या सामने आने लगी है। खासकर कबीरधाम जिले के लगे सीमा में कटाव बढ़ा है। भोरमदेव से जब नदी कवर्धा शहर की सीमा में प्रवेश करती है। इस बीच दो दर्जन से अधिक गांव नदी के किनारे हैं जो धीरे-धीरे डेंजर जोन में शामिल होते जा रहे हैं।
संकरी नदी के किनारे बसे ग्राम छपरी, चिखली, राजानवागांव, रेंगाखार, कोडार, बरहट्टी, अमलीडीह, मोटयारी, समनापुर, घुघरीखुर्द, घुघरीकला, मरपा, पालीगुड़ा, परसवारा, कोठार, पिपरिया, गांगपुर, खाम्ही, नवघटा, मोहगांव, झिरना, दरगवां, छांटा जैसे गांव के किनारे कटाव बढ़ा है। जो हर साल गांव की दिशा में आगे बढ़ रहा है। बाजवूद इस पर न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं प्रशासनिक अधिकारी।
नदी किनारे पेड़ लगाना जरूरी
नदी में कटाव रोकने के लिए नदी किनारे पेड़ लगाने की जरूरत है, जो काफ ी हद तक नदी का कटाव रोकते हैं। साथ ही पर्यावरण के लिए भी बेहतर है। कवर्धा शहर में समनापुर की ओर बड़ी मात्रा में पेड़ लगाए गए, लेकिन दूसरी ओर कुम्हारा पारा, पाली पारा की ओर मिनीमाता चौक तक कटाव इतना अधिक बढ़ चुका है कि पेड़ लगाने तक की जगह नहीं है।
रिटर्निंग वॉल निर्माण
कवर्धा शहर में सकरी नदी किनारे अधिक कटाव को रोकने के लिए पूर्व में रिटर्निंग वॉल का निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। करीब ७ करोड़ रुपए के लागत से इस रिटर्निंग वॉल निर्माण का प्राक्कलन तैयार किया गया, लेकिन राज्य शासन की ओर से अब तक इस मामले में हरी झंडी नहीं मिल सकी है। स्वीकृति मिल जाती है तो नदी किनारे बसे लोगों पर खतरा काफी हद तक टल जाएगा।
कटाव को रोकना
जो गांव नदी के बिलकुल लगे हुए हैं वहां पर रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि कटाव को रोका जा सके, साथ ही रहवासियों को सुरक्षा मिल सके। पूरे नदी किनारे सुरक्षा दिवाल खड़ा करना संभव नहीं है, लेकिन जहां खतरा ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में हिस्से में कोई जुगत अवश्य लगानी होगी।
Published on:
26 Sept 2022 08:32 pm
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