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सिर पर छत देने का सपना दिखा गरीबों को भटका रहा प्रशासन

शहर में सैकड़ों गरीब लोग जो आवास का सपना संजोए थे उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है।

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PM Awas yojana

सिर पर छत देने का सपना दिखा गरीबों को भटका रहा प्रशासन

कवर्धा . शहर में सैकड़ों गरीब लोग जो आवास का सपना संजोए थे उन्हें आवास नहीं मिल पा रहा है। 1199 आवास में अब तक 331 गरीबों को ही आवास स्वीकृत हो सका है, जबकि 700 से अधिक गरीबों के आवेदन प्रशासन के ही नाकामी की वजह से रद्द हो चुके हैं।

जी हां, कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास की आस गरीबों को पक्का देने की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहर में अधिकतर गरीबों को 10 व 30 साल का जमीन पट्टा मिला है। इसमें अधिकतर पट्टों की समयावधि पूर्ण हो चुकी है, जिनका नवीनीकरण नहीं हो रहा है। इसके चलते ऐसे लोगों को पीएम आवास भी नहीं मिल पा रहा है। हाल ही में 541 आवेदन रद्द हो गए, क्योंकि हितग्राहियों के पट्टों की 10 व 30 साल के पट्टे की वैधता तिथि समाप्त हो चुकी है। हितग्राही आवास की आस लगाए नगर पालिका, तहसील कार्यालय और नजूल कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

शहर में जनप्रतिनिधियों ने हल्ला मचा दिया कि सभी गरीबों को आवास मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी है जिन्हें एक साल का अस्थाई पट्टा दिया गया था। एक साल के पट्टाधारियों को आवास का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि शासन द्वारा इनके लिए स्लम योजना के तहत आवास बनाए जाते हैं और गरीबों को वहां शिफ्ट किया जाता है।

नगर पालिका पीएम आवास टीम की ओर से केंद्र सरकार को पीएम आवास के लिए गरीबों की सूची दस्तावेज सहित पांच बार भेजी जा चुकी है, लेकिन वहां से अधिकतर आवेदन पर आपत्ति आ रही है और आवेदनों को रद्द कर दिया जाता है। 451 आवेदनों इसलिए रिजेक्ट हुए क्योंकि इनके पट्टों की समयावधि समाप्त हो चुकी थी। वहीं करीब 160 आवेदन इसलिए रिजेक्ट हुए क्योंकि यह एक साल वाले पट्टे थे।

पट्टे के नवीनकरण, नामांतरण, बटांकन का कार्य राजस्व विभाग का है। आवेदनों पर जांच कर उन्हें नवीनीकरण करना चाहिए। जमीन मालिक की मृत्यु हो गई तो उनके वंशज के नाम हो, ताकि आवास योजना का लाभ मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। लोग आवेदन दे चुके हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही। आवेदन पेंडिंग हो रहे हैं।

कबीरधाम के कलक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि शहर में प्रधानमंत्री आवास को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही है। जमीन दो या अधिक लोगों के नाम पर है जिसके कारण आवास नहीं की पात्रता नहीं है। लेकिन बंटवाराकर दोनों को आवास देने की कोशिश है। एक्सपायर हो चुके पट्टों का नवीनीकरण लगातार किया जा रहा है। इस पर प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है ताकि सभी आवासहीन लेागों को मकान मिल सके।

कवर्धा शहर में केंद्र सरकार की ओर से 1199 पीएम आवास बनाने की स्वीकृति मिली है। इसमें अब तक 37 आवास ही पूर्ण हुए हैं, जबकि 294 आवास निर्माणाधीन हैं। वहीं 83 आवेदनों पर दावा आपत्ति की प्रक्रिया चल रही है। आवास के लिए पालिका के पास लगातार आवेदन पहुंच रहे हैं, जिसका निरीक्षण कर डीपीआर बनाया जा रहा है।

आवेदनों के विरूद्ध दावा आपत्ति

कवर्धा नगर पालिका के सीएमओ सुनील अग्रहरि ने कहा कि शासन के जो गाइडलाइन है उसके अनुसार ही पीएम आवास की पात्रता है। जो आवेदन पालिका को मिलते उसे शासन को भेज दिया जाता है। पट्टों का नवीनीकरण, नामांकन, बंटवारा यह प्रकरण राजस्व विभाग के हैं।