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ओंकारेश्वर मंदिर की सुरक्षा में सेंध, परिसर में लगी दानपेटी ले भागे बदमाश

ताला टूटी हुई दानपेटी पुल पर मिली, सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

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खंडवा. तीर्थनगरी ओंकारेश्वर मंदिर की सुरक्षा में चोरों ने सेंध लगाई है। चोर मंदिर परिसर से दानपेटी लेकर फरार हो गए। इस वारदात ने मंदिर की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए है। क्योंकि मंदिर परिसर में दिन और रात सुरक्षाकर्मी तैनात है। साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बावजूद इसके बदमाश दानपेटी लेकर भागने में सफल हो गए।

दरअसल, ओंकारेश्वर मंदिर में गर्भगृह के सामने पंचमुखी गणेश मंदिर के पास दानपेटी रखी हुई थी। जिसे रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात करीब 2.&0 बजे लेकर फरार हो गए। सुबह जब लोग मंदिर पहुंचे तो दानपेटी गायब थी। वारदात की खबर मिलते ही सुरक्षाकर्मी, ट्रस्ट के पदाधिकारी और मांधाता पुलिस मौके पर पहुंची। वारदात की जानकारी जुटाई। इसी बीच चोरी गई दानपेटी कोटीतीर्थ घाट को जोडऩे वाले नए पुल पर मिली। दानपेटी पुल पर पड़ी होने पर पुलिस पहुंची और पड़ताल की। पेटी का ताला टूटा था और चिल्लर पड़ी थी। मामले में पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। वहीं मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले हैं। फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर एक पांच मंजिला इमारत है। जिसकी प्रथम मंजिल पर भगवान महाकालेश्वर का मंदिर है तीसरी मंजिल पर सिद्धनाथ महादेव चौथी मंजिल पर गुप्तेश्वर महादेव और पांचवी मंजिल पर राजेश्वर महादेव का मंदिर है। ओंकारेश्वर में अनेक मंदिर हैं नर्मदा के दोनों दक्षिणी व उत्तरी तटों पर मंदिर हैं। पूरा परिक्रमा मार्ग मंदिरों और आश्रमों से भरा हुआ है। कई मंदिरों के साथ यहां अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा जी के दक्षिणी तट पर विराजमान हैं।

ओंकारेश्वर और अमलेश्वर दोनों शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहां पर्वतराज विंध्य ने घार तपस्या की थी और उनकी तपस्या के बाद उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना कर कहा के वे विंध्य क्षेत्र में स्थिर निवास करें उसके बाद भगवान शिव ने उनकी यह बात स्वीकार कर ली। वहां एक ही ओंकारलिंग दो स्वरूपों में बंटी है। इसी प्रकार से पार्थिवमूर्ति में जो ज्योति प्रतिष्ठित हुई थी, उसे ही परमेश्वर अथवा अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग कहते हैं।