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इस गांव में कुएं की खुदाई में 30 फीट पर निकला कोयला, देखने लगी भारी भीड़

किल्लौद विखं के बिल्लौद का मामला, ज्वलनशील पाया गया कोयला, ग्रामीणों में कौतूहल, बिटुमिन प्रजाति का है कोयला, उच्चतम गुणवत्ता वाले एंथ्रेसाइट से कम

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singaji power plant khandwa

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श्याम राजपूत/किल्लौद. क्षेत्र में सामान्यत: कुंओं व अन्य खुदाई कार्यों में मिट्टी निकलती है, लेकिन किल्लौद विकासखंड के एक किसान के खेत में कुएं की खुदाई के दौरान बड़ी मात्रा में कोयला निकला है। यही नहीं कोयले को जलाने पर यह ज्वलनशील भी पाया गया है।
जानकारी के अनुसार ग्राम बिल्लौद निवासी देवीसिंह गंगाराम राजपूत अपने जूनापानी स्थित खेत में कुएं की खुदाई कराई। खुदाई के दौरान प्रारंभ में तो मिट्टी आई लेकिन बाद में काला पत्थर निकलना शुरू हो गया। करीब 30 फीट कुएं की खुदाई कराने के बाद अचानक से इसमें से बड़ी मात्रा में काला पत्थर निकलने लगा। वहीं बाद में इसे जब जलाया गया तो यह ज्वलनशील पाया गया है। विज्ञान के जानकार इसे बिटुमिन प्रकार का कोयला बता रहे हंै।
देवीसिंह ने बताया कुएं की खुदाई के दौरान प्रारंभ में तो भांप भी निकली। इसके बाद काला पत्थर निकलना शुरू हो गया। किसान को जब कोयला होना प्रतीत हुआ तो इसे जलाकर देखा तो यह कोयले की तरह जलने भी लगा। वहीं काफी देर तक जलता रहा। इसे लेकर गांव में कौतूहल का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों को इसकी जानकारी लगने पर खेत में कोयला देखने पहुंच रहे हैं।
इसे बिजली बनाने में किया जाता है प्रयोग
कुएं से कोयला निकलने के पीछे वैज्ञानिक कारण इस पत्थर को जीवाष्मी ईधन बताया जा रहा है, जो कोयले के रूप में है। रसायन भौतिकी के व्याख्याता गजराज गौर ने बताया पृथ्वी के भीतर वर्षों पुरानी कोयला चट्टानें मौजूद हैं। क्षेत्र में बैकवाटर का पानी सीपेज होकर चट्टानों के बीच पहुंचा। कोयले की प्रकृति गर्म होने के कारण वहां का पानी भाप के रूप में निकल रहा है। इस कोयले का प्रयोग बिजली बनाने में किया जाता है। यह कोयला बिटुमिन प्रजाति का है जो उच्चतम गुणवत्ता वाले एंथ्रेसाइट से कम गुणवत्ता वाला होता है।
अवशेष हो सकते हैं
कुएं से कोयला निकलने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। संयोगवश खुदाई के दौरान कोयला निकलना, भूमि में इसके अवशेष होना प्रतीत होता है।
गजराज गौर, व्याख्याता, भौतिकी-रसायन