प्रदेश के 33 जिले में 171450 क्विंटल चावल की बाजार मूल्य का औसत दर 3500 रुपए क्विंटल माने तो 60 करोड़ से अधिक कीमत होती है। इसी तरह 29 जिलों में 27.58 करोड़ रुपए कीमत होती है
खंडवा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ( पीएमजीकेवाइ) में 2.81 लाख क्विंटल राशन के वितरण में गड़बड़ी सामने आई है। इसकी कीमत 100 करोड़ है। अब केंद्र ने राज्य सरकारों से हिसाब मांगा है। इस पर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के प्रबंध संचालक तरुण कुमार पिथोड़े ने दुकान संचालकों से वसूली के आदेश जारी किए हैं।
कारोनाकाल के बाद दुकानों से बिना सत्यापन लोगों को राशन बांटे गए। इसमें गड़बड़ी की आशंका है। केंद्र ने पंजी से मैन्युअल व्यवस्था वितरण अमान्य की। नान अफसरों ने कोविड के दौरान मैन्युअल वितरण के आदेश का पक्ष रखा, लेकिन केंद्र ने इससे इनकार कर अप्रेल से नवंबर के बीच मैन्युअल वितरण को अमान्य कर दिया।
ये गड़बड़ी 2020-21 में माह अप्रेल 2020 से नवंबर 2020 के बीच 1.10 लाख क्विंटल गेहूं और 1.71 चावल के वितरण में की गई है। नान प्रबंध संचालक ने क्षेत्रीय और जिला प्रबंधकों को पत्रांक-पीएफएमएस-2022-23-122 कहा है कि अमान्य मात्रा की राज्य शासन से तय दरों के आधार पर वसूली उचित मूल्य दुकानों के कमीशन से करें।
ऐसे समझें कीमत
33 जिले में 171450 क्विंटल चावल की बाजार मूल्य का औसत दर 3500 रुपए क्विंटल माने तो 60 करोड़ से अधिक कीमत होती है। इसी तरह 29 जिलों में 27.58 करोड़ रुपए कीमत होती है। इधर,
खंडवा में 149 उचित मूल्य की दुकानों पर सेल्समैनों ने राशन वितरण के दौरान 6006 क्विंटल चावल और 2552 क्विंटल गेहूं वितरण में गड़बड़ी की है। दुकानों पर तय दरों से सेल्समैनों से 3.67 करोड़ की वसूली की डेडलाइन दी है। अब तक 1.86 करोड़ की वसूली की है।
गड़बड़ी करने वाले टॉप जिले
जिला गेहूं
जबलपुर 1975647
बड़वानी 1823122.5
शिवनी 1356692
छतरपुर 028640
जिला चावल
छिंदवाड़ा 2896794
बड़वानी 2631446
जबलपुर 2164098
सागर 1381158
नोट: जिलेवार गेहूं व चावल के आंकड़े किग्रा में