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खंडवा

ladli behna yojana: लाड़ली बहनों की किस्त बंद हुई, कई महिलाएं योजना से बाहर

लाडली बहना योजना को लेकर आई बड़ी खबर…। कई महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया…।

खंडवाJan 20, 2024 / 03:39 pm

Manish Gite

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हरिनाथ द्विवेदी

प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना से जुड़ी कई महिलाओं के नाम अचानक लाभार्थियों की सूची बाहर हो गए हैं। महिलाएं योजना में दुबारा नाम जुड़वाने के लिए परेशान हैं। आवेदन देने के बाद भी लाभ मिलना शुरू नहीं हो पा रहा है। विभाग का दावा है इन महिलाओं ने स्वेच्छा से लाभ परित्याग किया है, जबकि महिलाओं ने आवेदन देकर बताया कि उन्होंने ऐसा कोई विकल्प नहीं चुना। कई महिलाएं ऐसी भी हैं, जिनकी आयु एक जनवरी को 60 वर्ष से ज्यादा हो गई है। उनकी किस्त भी नियमानुसार बंद कर दी गई है।

 

दरअसल, चुनाव से पहले तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना लॉन्च की थी। इसमें पात्र महिलाओं को एक हजार रुपए मासिक दिया जाना था। बाद में सरकार ने राशि बढ़ाकर 1250 रुपए प्रतिमाह कर दी। सरकार अब तक आठ किस्तें जारी कर चुकी है, लेकिन इन चुनिंदा महिलाओं में से कुछ महिलाओं के खातों में लाभ जमा होना अचानक बंद हो गया। समाज कल्याण विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि इन महिलाओं ने स्वेच्छा से लाभ का परित्याग कर दिया है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में इस तरह की स्थिति है। खंडवा में करीब 350 महिलाओं ने समाज कल्याण विभाग को आवेदन देकर शिकायत दर्ज करवाई है। हालांकि आवेदनों पर फिलहाल सुनवाई नहीं हुई है। खरगोन और बुरहानपुर जिलों में भी ऐसे हितग्राही सामने आए हैं। विभाग ने इसके लिए मुख्यालय से मार्गदर्शन मांगा है।



पात्रता के नियम

संयुक्त परिवार में 2.5 लाख से ज्यादा आय, आयकरदाता परिवार का सदस्य, शासकीय सेवकों के परिवार, पेंशन या किसी भी योजना में एक हजार से अधिक लाभ अर्जित करने वाली महिलाओं को इस योजना से बाहर रखा गया है। 60 वर्ष+ आयु की महिलाओं को भी योजना से बाहर किया गया है। प्रदेश में लगभग 1.25 करोड़ महिलाओं ने आवेदन किया। दो लाख के आवेदन पर आपत्तियां आईं। करीब 27 हजार आवेदन आमान्य। करीब 1.25 करोड़ को हर माह 1250 की किस्त दी जा रही है।

 

 

लाभ परित्याग…ये क्या होता है

खंडवा निवासी जमीला बी घरेलू महिला हैं। उनका नाम स्वेच्छा से लाभ परित्याग की सूची में है। पति जावेद शेख के अनुसार उनके पास फोन आया था कि जमीला का नाम स्वेच्छा से लाभ परित्याग करने वालों की सूची में आ गया है। पहले तो वे इसका मतलब ही नहीं समझ पाए। लाभ बंद होने के बाद उन्होंने महिला विकास विभाग को आवेदन दिया। जावेद ने बताया कि कुछ परितार (परित्याग) की बात फोन पर बोली गई। मैं तो समझ ही नहीं पाया।

 

हां बोला और फोन कट गया

बुरहानपुर निवासी सुरेखा तायड़े के बेटे नीलेश को किस्त के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन आया था। बेटे ने बताया कि उनकी मां को किस्त मिल रही है। उसके बाद से लाभ बंद हो गया। नाम भी स्वत: लाभ परित्याग करने वालों की सूची में आ गया है। उन्होंने सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज करवाई है।

 

 

लाभ परित्याग के लिए ऑनलाइन विकल्प दिया गया है। नाम दुबारा जोडऩे के लिए अभी शासन स्तर से कोई गाइडलाइन नहीं आई है। निर्देश मिलने के बाद ही आगे कार्य किया जाएगा।
-सीएल पासी, संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास विभाग, इंदौर

60 वर्ष की आयु पूरी होने पर 1353 महिलाएं योजना से वंचित हो गई हैं। 118 ने लाभ त्याग दिया है। शासन स्तर पर ही सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है।

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